Team India: टीम इंडिया में सेलेक्शन होना जितना मुश्किल माना जाता है, उससे कई गुना ज्यादा मुश्किल खुद को टीम इंडिया में बरकरार रखना होता है, क्योंकि टीम के बाहर भी कई ऐसे खिलाड़ी होते हैं, जो अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर तगड़ा कॉम्पिटिशन देते हैं. भारत के 2 खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनका करियर मुश्किल में फंसा हुआ है और उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे भी लगभग बंद नजर आ रहे हैं. आइए नजर डालते हैं इन 2 खिलाड़ियों पर: 


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1. पृथ्वी शॉ 


पृथ्वी शॉ के साथ सेलेक्टर्स लगातार नाइंसाफी कर रहे हैं. सेलेक्टर्स हर सीरीज में पृथ्वी शॉ को लगातार बाहर रख रहे हैं, जिसे देखकर लगता है कि सेलेक्टर्स ने पृथ्वी शॉ को दूध में से मक्खी की तरह निकाल बाहर फेंका. सेलेक्टर्स ने जिस पृथ्वी शॉ को नजरअंदाज किया है, वह रोहित शर्मा से भी तूफानी बैटिंग में माहिर है. सेलेक्टर्स पृथ्वी शॉ को लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं. पृथ्वी शॉ की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी में पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग और महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की झलक देखने को मिलती है. पृथ्वी शॉ की बैटिंग के अंदाज में सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग का कॉम्बो देखने को मिला है. 


बेहद खतरनाक है ये बल्लेबाज 


सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग भी शुरुआत के ओवरों से तहलका मचाते थे और जमकर रन लूटते थे. बता दें कि भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री कह चुके हैं कि पृथ्वी शॉ में सहवाग, सचिन और लारा की झलक दिखती है. 22 साल के युवा ओपनर पृथ्वी शॉ आक्रामक बल्लेबाज हैं. पृथ्वी बिना किसी डर के जमकर रन लूटते हैं. पृथ्वी शॉ को ज्यादा से ज्यादा मौके मिले तो वह दुनिया के किसी भी कोने में रन बना सकते हैं. 


लगातार नजरअंदाज करते आ रहे सेलेक्टर्स 


सेलेक्टर्स पृथ्वी शॉ जैसे धाकड़ ओपनर को लगातार नजरअंदाज करते आ रहे हैं. पृथ्वी शॉ मौजूदा समय में दुनिया के सबसे खतरनाक युवा बल्लेबाजों में से एक हैं. पृथ्वी शॉ को सेलेक्टर्स लगातार बाहर रख रहे हैं. आने वाले दिनों में टीम इंडिया को एक नए ओपनिंग बल्लेबाज की जरूरत होगी. ये जिम्मा युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ संभाल सकते हैं. शॉ के बल्ले ने घरेलू और आईपीएल में जो सनसनी फैलाई है उसकी गूंज पूरी दुनिया ने सुनी है. सिर्फ 22 साल का ये बल्लेबाज टीम इंडिया का भविष्य है. उनकी बल्लेबाजी ने हर किसी का दिल जीता है.  


तीनों ही फॉर्मेट्स में उनकी जगह छिन गई 


पृथ्वी शॉ भारत के लिए तीनों ही फॉर्मेट्स में क्रिकेट खेल चुके हैं, लेकिन अब तीनों ही फॉर्मेट्स में उनकी जगह छिन गई है. पृथ्वी शॉ ने भारत के लिए 5 टेस्ट मैचों में 339 रन बनाए हैं. पृथ्वी शॉ ने 6 वनडे मैचों में 189 रन बनाए हैं. 63 IPL मैचों में पृथ्वी शॉ ने 1588 रन बनाए हैं. टेस्ट में पृथ्वी शॉ के नाम 1 शतक है. पृथ्वी शॉ ने अपनी प्रतिभा के दम पर सारी दुनिया में अपना डंका बजाया था. उनके तरकश में हर वो तीर मौजूद है, जो विरोधी टीम को धराशाई कर सके. पृथ्वी शॉ को इस साल दिल्ली कैपिटल्स ने 7.5 करोड़ में रिटेन किया था. पृथ्वी शॉ सहवाग की तरह एक शानदार खिलाड़ी है. 


2. मनीष पांडे


मनीष पांडे का करियर मुश्किल में फंसा हुआ है और उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे भी लगभग बंद नजर आ रहे हैं. टीम इंडिया के खिलाड़ी मनीष पांडे काफी वक्त से खराब फॉर्म में चल रहे हैं. कई बार उन्हें मौके दिए गए हैं, लेकिन वो हर बार फ्लॉप साबित हुए. 


खत्म हुआ इस खिलाड़ी का करियर? 


मनीष पांडे ने टीम इंडिया (Team India) के लिए अब तक 39 टी-20 इंटरनेशनल मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने की 44.31 औसत और 126.15  की स्ट्राइक रेट से 709 रन बनाए. मनीष पांडे कभी कंसिसेटेंट नहीं रहे और यही वजह है कि उनका टीम इंडिया (Team India) में आना और जाना लगा रहा. अब लगता नहीं कि वो कभी वापसी कर पाएंगे. आईपीएल 2021 में मनीष पांडे सनराइजर्स हैदराबाद की टीम के लिए और आईपीएल 2022 में लखनऊ सुपर जायंट्स की टीम के लिए कमजोर कड़ी साबित हुए थे.


टीम इंडिया में वापसी लगभग नामुमकिन


मनीष पांडे की फ्लॉप बल्लेबाजी के कारण पूरा मिडिल ऑर्डर तहस-नहस हो जाता है, जिस वजह से टीम को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इस खिलाड़ी को एक वक्त पर टीम इंडिया का भविष्य माना जाता था, लेकिन इनका बल्ला ज्यादातर शांत रहा. मनीष पांडे ने टीम इंडिया के लिए शानदार डेब्यू किया था. उन्होंने साल 2015 में जिंबाब्वे के खिलाफ 86 गेंदों पर 71 रन बनाए थे. इसके बाद अगले ही साल उन्होंने सिडनी में 81 गेंदों पर 104 रन बनाए और टीम की जीत पक्की की. लेकिन इसके बाद वो  टीम इंडिया से लगातार अंदर बाहर होते रहे. इंजरी ने भी उनसे कई बड़े मौके छीने. शानदार शुरुआत को वो बड़े करियर में तब्दील नहीं कर सके.


IPL में शतक लगाने वाले पहले भारतीय


पहले कोलकाता नाइट राइडर्स और फिर सनराइजर्स हैदराबाद के लिए ढेरों रन बनाने वाले मनीष पांडे ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ की थी. 2009 में वह आईपीएल में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे. उन्होंने डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद के खिलाफ सिर्फ 73 गेंदो में नाबाद 114 रनों की पारी खेली थी. इस दौरान उनके बल्ले से 10 चौके और चार छक्के निकले थे. तब अनिल कुंबले आरसीबी के कप्तान थे.


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