मेलबर्न: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज के आखिरी मैच में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया पर 7 विकेट से  जीत हासिल कर पहली बार द्विपक्षीय सीरीज जीती. इस मैच में टॉस हार कर बल्लेबाजी कर रही ऑस्ट्रेलिया को पहले भुवनेश्वर कुमार ने अच्छी शुरआत करने से रोका, उसके बाद युजवेंद्र चहल ने ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी कमर तोड़ते हुए उसे 230 रनों पर रोकने में खास भूमिका निभाई. 230 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया के लिए एमएस धोनी और केदार जाधव ने शानदार हाफ सेंचुरी लगाई. टीम इंडिया की मेलबर्न में जीत के पांच प्रमुख कारण रहे. 


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1. युजवेंद्र चहल का करियर बेस्ट प्रदर्शन
इस मैच में सबसे बड़ा फर्क युजवेंद्र चहल ने डाला. चहल ने अपने करियर का बेस्ट प्रदर्शन करते हुए 42 रन देकर 6 विकेट लिए. चहल ने 24वें ओवर में उस्मान ख्वाजा और शॉन मार्श की 73 रनों की साझेदारी को तोड़ते हुए दोनों को एक ही ओवर में आउट कर ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया. इसके बाद भी चहल ने ऑस्ट्रेलिया को वापसी का मौका नहीं देते हुए पहले मार्कस स्टोइनिस को आउट कर निचले क्रम को भी जमने नहीं दिया. चहल के छक्के की वजह से ऑस्ट्रेलिया की टीम 50 से पहले ही केवल 230 रनों पर ढेर हो गई.


2. भुवनेश्वर कुमार का शुरुआती दबाव
टीम इंडिया के गेंदबाजों ने शुरू से ही ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाजों एरोन फिंच और एलेक्स कैरी पर दबाव बनाए रखा. इसी दबाव की वजह से पांचवें ओवर में भुवी ने कैरी को स्लिप पर रोहित शर्मा के हाथों लपकवाया और 9वें ओवर में एरोन फिंच को एलबीडबल्यू कर ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाए रखा. भुवी ने अपने 8 ओवरों में एक मेडन फेंककर केवल 28 रन दिए. 


3. ऑस्ट्रेलिया की खराब फील्डिंग 
इस मैच में उल्लेखनीय बात ऑस्ट्रेलिया की खराब फील्डिंग रही. धोनी जब खाता भी खोल नहीं पाए थे. तब मैक्वेल ने उनका आसान कैच छोड़ा. इसके बाद जब धोनी 75 रन के निजी स्कोर पर थे, तब भी उनका कैच कप्तान एरोन फिंच ने छोड़ा. इसके अलावा कई रन आउट और फिल्डिंग भी मिस की गईं. 


 4. धोनी की एक और खास हाफ सेंचुरी
इस सीरीज में घोनी ने तीनों मैचों में हाफ सेंचुरी लगाई. मेलबर्न में भी धोनी ने पहले दो वनडे की तरह एक बार फिर संवेदनशील खेल दिखाया और एक शानदार हाफ सेंचुरी लगाते हुए जरूरी रन को ज्यादा बढ़ने नहीं दिया. हालांकि धोनी ने इस पारी में तेजी से रन नहीं बनाए, लेकिन केदार जाधव के साथ उनकी विकेटों के बीच की दौड़ शानदार रही. धोनी ने पहले विराट को साथ 54 रनों की और उसके बाद केदार जाधव के साथ 121 रनों की साझेदारी की. 


5. केदार जाधव की बेहतरीन फिफ्टी
इस मैच में केदार जाधव ने आखिरी तक महेंद्र सिंह धोनी का शानदार साथ निभाते हुए केवल 52 गेंदों पर अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की. केदार जाधव ने भी काफी संवेदनशील पारी खेली और आखिरी में भी जमकर शॉट लगाए.