IPL-12: एमएस धोनी ने फिर दिखाया, वे DRS लेने में क्यों BEST हैं
चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भले ही मैच जीतने का श्रेय गेंदबाजों को दिया. लेकिन सच यह भी है कि टीम को पहला विकेट धोनी ने ही दिलाया.
नई दिल्ली: चेन्नई की टीम ने इंडियन टी20 लीग (आईपीएल) का क्वालिफायर-2 उम्मीद के विपरीत बड़ी आसानी से जीत लिया. कह सकते हैं कि उसने दिल्ली (Delhi Capitals) की चुनौती को चारों खाने चित कर दिया. मैच के बाद कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) ने जीत का श्रेय गेंदबाजों को दिया. लेकिन सच यह भी है कि चेन्नई को विकेट दिलाने की शुरुआत खुद धोनी ने ही की. उन्होंने ऐसा डिसीजन रिव्यू सिस्टम यानी डीआरएस (DRS) लेकर किया, जिसे धोनी के प्रशंसक धोनी रिव्यू सिस्टम भी कहते हैं.
विशाखापत्तनम में खेले गए क्वालिफायर-2 मुकाबले में चेन्नई (Chennai Super Kings) ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग का निर्णय लिया. दिल्ली ने शुरुआती दो ओवर में 20 रन बनाकर अच्छी शुरुआत की. तीसरा ओवर दीपक चाहर ( Deepak Chahar) लेकर आए. इस ओवर की तीसरी गेंद पर एलबीडब्ल्यू की अपील हुई, जिसे अंपायर ने ठुकरा दिया. अब धोनी रिव्यू सिस्टम (DRS) की बारी थी. विकेटकीपर कप्तान धोनी को यकीन था कि विकेट मिल सकता है. उन्होंने डीआरएस ले लिया. तीसरे अंपायर ने अपील मंजूर कर ली और इसके साथ ही दिल्ली को पहला झटका लग चुका था.
यह भी पढ़ें: IPL-12: आईपीएल चैंपियन कोई भी बने, ऑरेंज कैप तो इस खिलाड़ी को ही मिलेगी
इस तरह पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) आउट होने वाले दिल्ली के पहले बल्लेबाज बने. वे पांच रन बनाकर आउट हुए. वैसे तो, उनका विकेट गेंदबाज दीपक चाहर के खाते में दर्ज हुआ. लेकिन क्रिकेटप्रेमी जानते हैं कि यह विकेट सही मायने में धोनी ने दिलाया था. गेंदबाज तो अक्सर डीआरएस लेने को तैयार होते हैं. ऐसे में कप्तान और विकेटकीपर की समझ ही डीआरएस को टीम के लिए उपयोगी बनाती है. धोनी ने एक बार फिर साबित किया जब बात डीआरएस की हो, तो इस पर निर्णय लेने के लिए उनसे बेहतर कोई और नहीं है.
चेन्नई ने इस मुकाबले में दिल्ली को बड़ी आसानी से छह विकेट से हरा दिया. उसने पहले तो बैटिंग की मददगार पिच पर दिल्ली की यूथ ब्रिगेड को महज 147/9 रन पर रोक दिया. इसके बाद जीत के लिए जरूरी रन 19 ओवर में ही बना लिए. अब रविवार को फाइनल में उसका सामना मुंबई से होगा.