IPL 2022 Mega Auction: जूतों की दुकान से क्रिकेट के मैदान तक, 4 मैचों ने बदली इस प्लेयर की जिंदगी
आईपीएल मेगा ऑक्शन का आयोजन बेंगलोर में रहा है. इस मेगा ऑक्शन में एक खिलाड़ी रातों रात करोड़पति हो गया है. लेकिन एक खिलाड़ी को गुजरात फ्रेंचाइजी ने बेस प्राइस से 13 गुना ज्यादा कीमत देकर सबको चौंका दिया.
नई दिल्ली: आईपीएल मेगा ऑक्शन का आयोजन बेंगलोर में रहा है. इस मेगा ऑक्शन में एक खिलाड़ी रातों रात करोड़पति हो गया है. लेकिन एक खिलाड़ी को गुजरात फ्रेंचाइजी ने बेस प्राइस से 13 गुना ज्यादा कीमत देकर सबको चौंका दिया. इस खिलाड़ी ने घरेलू क्रिकेट मे अपने बल्ले से सभी का दिल जीता है. जबकि इस प्लेयर के पिता फुटवियर की दुकान चलाते थे.
इस खिलाड़ी को लखनऊ ने बनाया करोड़पति
अभिनव मनोहर सदरंगानी (Abhinav Manohar Sadarangani) को गुजरात टाइटंस ने 2 करोड़ और 60 लाख रुपये में अपने साथ जोड़ा है. अभिनव सदरंगानी का बेस प्राइज 20 लाख रुपये था. अभिनव ने घरेलू क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी से सभी टीमों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. उनकी धाकड़ बल्लेबाजी देखकर विपक्षी टीमों ने दातों तले उंगलियां दबा लीं हैं. इसलिए आईपीएल मेगा ऑक्शन में उन पर बड़ी बोली लगी है.
धरेलू क्रिकेट में दिखाया दम
अभिनव मनोहर की उम्र 27 साल की है. वह कर्नाटक के बेंगलोर के रहने वाले हैं. घरेलू टूर्नामेंट सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अपना क्रिकेट डेब्यू किया था. वह बहुत ही विस्फोटक बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते हैं. साथ ही वह गेंदबाजी करने में माहिर खिलाड़ी हैं. अभिनव लेग ब्रेक स्पिनर हैं जो गुगली गेंदबाज करना जानता है. वो हार्दिक पांड्या की तर्ज पर निचले मध्यक्रम में तेजी से रन बनाने के लिए जाने जाते हैं. अभिनव ने चार मैचों में खतरनाक खेल का नजारा पेश किया, जिससे उन्हें खरीदने की सभी टीमों में होड़ लग गई. उन्होंने सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी के चार मैचों में 54 की शानदार औसत और 150 की स्ट्राइकरेट से 162 रन ठोक दिए. इस दौरान उन्होंने एक अर्धशतक भी जड़ा. चार पारियों के छोटे से टी20 करियर में वो 11 चौके और इतने ही छक्के जड़ चुके हैं. उन्होंने दो कैच भी पकड़े.
पिता की है फुटवियर की दुकान
अभिनव मनोहर सदरंगानी बहुत ही मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं. अभिनव के बचपन के कोच इरफान सइत ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि ऑलराउंडर के पिता और उनके दोस्त मनोहर सदरंगानी पहले बैंगलोर में फुटवियर की दुकान चलाते थे, जिससे परिवार का भरण पोषण होता था. अभिनव को बचपन से ही क्रिकेट में रुचि है. कई मुश्किलों को पार करते हुए उन्होंने क्रिकेट का कहकरा सीखा.