लंदन: आईपीएल से नजरअंदाज किए गए ईशांत शर्मा ने काउंटी चैंपियनशिप के पहले मैच में पांच विकेट लेने के बाद दूसरे मैच में शनिवार को अपने बल्ले से कमाल दिखाया और वह अपने करियर का पहला अर्धशतक जमाने में सफल रहे. ससेक्स की तरफ से खेल रहे ईशांत ने लीस्टरशर के खिलाफ लीस्टर में चल रहे मैच में पहली पारी में 66 रन बनाए जो किसी भी फॉर्मेट में उनका सर्वोच्च स्कोर है. इससे पहले प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए दोनों में उनका उच्चतम स्कोर 31 रन था. 


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ससेक्स ने छह रन के अंदर तीन विकेट गंवाए जिससे उसका स्कोर सात विकेट 240 रन हो गया था. ईशांत ने यहीं पर क्रीज पर कदम रखा और माइकल बर्गेस के साथ आठवें विकेट के लिए 153 रन की साझेदारी की. दिल्ली के इस क्रिकेटर ने तीन घंटे से अधिक समय क्रीज पर बिताया और इस बीच 141 गेंदों का सामना करके छह चौके और एक छक्का लगाया. 


आईपीएल 2018 की नीलामी में नहीं मिला कोई खरीदार 
आईपीएल 2018 की नीलामी में भी ईशांत शर्मा को कोई खरीदार नहीं मिला था. ईशांत शर्मा इंग्लिश काउंटी टीम ससेक्स के लिए खेल रहे हैं. जोफ्रा आर्चर और क्रिस जोडर्न की अनुपस्थिति में ईशांत के होने से टीम का मनोबल भी बढ़ रहा है. पूर्व ऑस्ट्रेलियन पेसर जेसन गिलेस्पी ने ईशांत को अनुबंधित करने पर खुशी प्रकट की और कहा था, ''हमें एक अनुभवी और स्किलफुल इंटरनेशल खिलाड़ी को साइन करके खुशी हो रही है. हमें विश्वास है कि ईशांत ससेक्स के ड्रेसिंग रूम में फिट हो जाएंगे.''


ससेक्स के साथ अनुबंध पर ईशांत शर्मा ने कहा था, ''मुझे खुशी है कि ससेक्स ने मेरी अंतरराष्ट्रीय परफॉर्मेंस पर गौर किया और मुझे टीम के लिए अनुबंधित किया.'' इसके साथ ही ईशांत शर्मा ने आईपीएल में न बिकने के अपने गम को दूर कर लिया. अब जब आईपीएल में कई देशी-विदेशी खिलाड़ी भारत में धूम मचा रहे हैं तो ईशांत ने ससेक्स के लिए अपना डेब्यू करते हुए शानदार 5 विकेट लिए. ईशांत ने पहली पारी में 53 रन देकर तीन विकेट और फिर दूसरी पारी में 16 रन देकर दो विकेट हासिल किए. यह मैच ड्रॉ रहा.


ससेक्स के साथ दो माह का है अनुबंध
ईशांत का ससेक्स के साथ फिलहाल दो माह का अनुबंध है, लेकिन अगर ईशांत इसी तरह बेहतरीन प्रदर्शन करते रहे तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनका अनुबंध बढ़ाया भी जा सकता है. टेस्ट क्रिकेट में भारत के इस सबसे बेहतरीन गेंदबाज को जब आईपीएल में किसी टीम ने नहीं खरीदा तो उनके लिए निराश होना स्वाभाविक था और यह भी सच है कि आईपीएल में ना खेल पाने किसी भी क्रिकेटर के लिए एक काफी बुरा भी होता है, लेकिन ईशांत ने इस दुस्वप्न से बाहर आने का रास्ता बाहर ही तलाश लिया.