IND vs SA: भारत-साउथ अफ्रीका में कौन जीतेगा टेस्ट सीरीज? दिग्गज खिलाड़ी ने पहले ही कर दी भविष्यवाणी
India vs South Africa: भारतीय टीम 10 दिसंबर से साउथ अफ्रीका की मेजबानी में उसके साथ क्रिकेट सीरीज खेलेगी. 3 टी20 और 3 वनडे के बाद दोनों टीमों के बीच 2 टेस्ट मैच खेले जाएंगे. इस बीच दिग्गज जैक कैलिस (Jacques Kallis) ने बड़ी भविष्यवाणी की है.
Prediction on India vs South Africa Test Series : भारतीय टीम आगामी 10 दिसंबर से साउथ अफ्रीका के खिलाफ उसी की मेजबानी में क्रिकेट सीरीज खेलेगी. दोनों टीमों के बीच 3 टी20 और 3 वनडे के बाद 2 मैचों की टेस्ट सीरीज होगी. इस बीच दिग्गज जैक कैलिस (Jacques Kallis) ने टेस्ट सीरीज को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है.
31 साल में नहीं जीती एक भी टेस्ट सीरीज
भारतीय टीम अब साउथ अफ्रीका के मुश्किल दौरे पर रवाना हो गई है. ये टेस्ट खेलने वाला एकमात्र बड़ा देश है जहां भारत ने 31 साल में एक भी टेस्ट सीरीज नहीं जीती है. सभी की नजरें 2 टेस्ट मैचों पर रहेंगी जो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) साइकल का हिस्सा हैं. भारत के स्टार विराट कोहली और रोहित शर्मा भी टेस्ट से ही मैदान पर वापसी करेंगे. इतना ही नहीं, भारतीय पेसर जसप्रीत बुमराह और साउथ अफ्रीका के धुरंधर कागिसो रबाडा सिर्फ पांच दिवसीय फॉर्मेट में ही खेलते नजर आएंगे.
'साउथ अफ्रीका को हराना मुश्किल'
दक्षिण अफ्रीका के लिए 166 टेस्ट में 45 टेस्ट शतक जड़ने वाले जैक कैलिस (Jacques Kallis) ने कहा है कि साउथ अफ्रीका को उसकी मेजबानी में हराना बहुत मुश्किल है. उन्होंने कहा, ‘ये अच्छी भारतीय टीम है लेकिन साउथ अफ्रीका को उसी के घर में हराना मुश्किल है. सेंचुरियन संभवत: दक्षिण अफ्रीका के जबकि न्यूलैंड्स भारत के अनुकूल होगा. मेरा मानना है कि ये एक अच्छी सीरीज होगी और अंत में एक या दो सेशन से फैसला होगा कि कौन सी टीम दूसरी से बेहतर खेली. यह करीबी मुकाबला होगा.’
'युवाओं को करना होगा तैयार'
भारतीय टीम के अनुभवी खिलाड़ी कप्तान रोहित (36 साल), विराट कोहली (35 साल), रविचंद्रन अश्विन (37 साल) और रविंद्र जडेजा (35 साल) के अलावा मोहम्मद शमी (33 साल) अगले कुछ साल में टीम का साथ छोड़ेंगे और बदलाव का दौर आएगा. कैलिस का मानना है कि अगर प्रतिभावान युवाओं को सीनियर टीम के साथ रखकर निखारा जाता है तो ये दौर आसानी से बीत जाएगा. कैलिस ने कहा, ‘बेशक अनुभवी खिलाड़ियों को जानकारी होती है और आपको इसका इस्तेमाल युवा खिलाड़ियों के साथ करना होता है. ये कोच और सेलेक्टर्स सुनिश्चित करें जिससे कि अगर युवा खिलाड़ी खेल ना भी रहे हों तो वे उस माहौल का हिस्सा हों जहां अनुभवी खिलाड़ियों से सीख सकें.’ (एजेंसी से इनपुट)