Pakistan Cricket: पागलों के गांव का जोकर... PCB अधिकारी पर दिग्गज ने दिया ऐसा बयान, मचा कोहराम!
PCB New Director: पाकिस्तान के दिग्गज क्रिकेटर और पीसीबी के पूर्व मुखिया रमीज राजा (Ramiz Raja) ने बोर्ड के नए डायरेक्टर को लेकर बड़ा बयान दिया है. राजा ने कहा है कि नए निदेशक पाकिस्तान की तुलना में अपनी काउंटी टीम के प्रति ज्यादा वफादार हैं. उन्होंने कहा कि यह पागलों के गांव में सर्कस के जोकर की तरह है.
Rameez Raja on Pakistan Cricket Board: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के पूर्व अध्यक्ष रमीज राजा (Ramiz Raja) ने राष्ट्रीय टीम में मिकी आर्थर की निदेशक पद पर नियुक्ति पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इसे ‘गांव के सर्कस का जोकर’ करार दिया है. इस पूर्व कप्तान ने पूर्व मुख्य कोच की पाकिस्तान क्रिकेट के प्रति वफादारी पर सवाल भी उठाया.
रमीज ने दिया बड़ा बयान
पूर्व क्रिकेटर रमीज राजा ने कहा, ‘अपनी तरह के पहले कोच/निदेशक को पाकिस्तान क्रिकेट को दूर (ऑनलाइन) से चलाने के लिए चुना गया है, जिसकी वफादारी पाकिस्तान क्रिकेट की तुलना में उसकी काउंटी टीम के प्रति ज्यादा है. यह पागलों के गांव में सर्कस के जोकर की तरह है.’
क्रिकेट समिति की भी आलोचना
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के पूर्व अध्यक्ष ने मौजूदा चीफ नजम सेठी और उनकी क्रिकेट प्रबंधन समिति (Cricket Management Committee) की भी जमकर आलोचना की. रमीज ने कहा, ‘पीसीबी अध्यक्ष को क्रिकेट की समझ नहीं है. वह अपने समय में खिलाड़ी के तौर पर शायद क्लब मैच की टीम में भी जगह पाने में सक्षम नहीं होते. पाकिस्तान क्रिकेट को ऐसे लोग चला रहे हैं जो राजनीति से प्रेरित हैं और उन्हें इस काम के लिए 12 लाख रुपये महीने का वेतन भी मिल रहा है.’
'नहीं मिल रही है 12 लाख की सैलरी'
बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हालांकि रमीज के इस दावे को खारिज कर दिया कि क्रिकेट प्रबंधन समिति के सदस्यों को मासिक वेतन मिल रहा है. उन्होंने कहा, ‘यह पूरी तरह से गलत है और सेवा नियमों के अनुसार, प्रबंधन समिति के सदस्यों को बैठक भत्ता और दैनिक भत्ता मिलता है. पीसीबी शहर के बाहर रहने वाले सदस्यों के लिए आवास प्रदान करता है.’ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बीते दिसंबर में रमीज की जगह सेठी को बोर्ड अध्यक्ष नियुक्त किया था. रमीज पहले भी पीसीबी की आलोचना करते रहे हैं जिस पर सेठी ने कहा है कि वह बोर्ड से मासिक पेंशन ले रहे हैं, इसलिए वह पीसीबी की आचार संहिता के तहत उसकी नीतियों या अधिकारियों की आलोचना नहीं कर सकते.
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