All Rounders in Cricket: वर्ल्ड क्रिकेट में क्यों कम हो रहे हैं क्वालिटी ऑलराउंडर? महान कैलिस ने बताई ये वजह
Jacques Kallis on All Rounders: दुनिया के दिग्गज ऑलराउंडर्स में शुमार जैक कैलिस (Jacques Kallis) ने बताया है कि आखिर वर्ल्ड क्रिकेट में क्वालिटी ऑलराउंडर की कमी क्यों आ गई है. उन्होंने साथ ही आईपीएल पर भी बात की, जहां वह इंपैक्ट प्लेयर नियम के सपोर्ट में नहीं हैं.
Jacques Kallis on Quality All Rounders : दिग्गज ऑलराउंडर की सूची में शामिल जैक कैलिस (Jacques Kallis) ने कहा है कि ‘सभी फॉर्मेट में काफी ज्यादा क्रिकेट’ के कारण आधुनिक क्रिकेट, खासतौर से टेस्ट में क्वालिटी ऑलराउंडर की कमी हो गई है. सर गारफील्ड सोबर्स (8032 रन और 235 विकेट) को ऑलटाइम बेस्ट ऑलराउंडर माना जाता है. इसमें कोई संदेह नहीं कि कैलिस (25 हजार से ज्यादा रन और 235 विकेट) आधुनिक युग के महान ऑलराउंडर में से एक हैं.
टी20 के आने से पड़ा असर
क्रिकेट जगत ने 1980 के दशक में इमरान खान, रिचर्ड हेडली, इयान बॉथम और कपिल देव के रूप में 4 महान ऑलराउंडर देखे जबकि नई सदी में कैलिस और एंड्रयू फ्लिंटॉफ का जलवा देखने को मिला. टी20 क्रिकेट के आने और दुनियाभर में नए नियमों के साथ कई लीग के शुरू होने से ऑलराउंडर्स के विकास पर असर पड़ा.
ज्यादा मैच हैं बड़ी वजह
कैलिस ने कहा, ‘इसका जवाब देना मुश्किल है, ऑलराउंडर्स आपको हर दिन नहीं मिलते. क्रिकेट के इतिहास में बहुत सारे ऑलराउंडर नहीं हैं. बहुत सी चीजें, क्रिकेट के मैचों की संख्या भी निश्चित रूप से एक भूमिका निभाती है.’ साउथ अफ्रीका का ये पूर्व कप्तान लीजेंड्स लीग क्रिकेट (LLC) में खेलने के लिए भारत में है. कैलिस ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का नाम नहीं लिया लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के ये पूर्व कोच ‘इंपैक्ट प्लेयर’ नियम के सपोर्ट में नहीं है जहां टीम अपनी बल्लेबाजी या गेंदबाजी पारी के दौरान अपनी जरूरत के अनुसार एक खिलाड़ी को बदल सकती है.
'इंपैक्ट प्लेयर' के सपोर्ट में नहीं हैं कैलिस
कैलिस ने आगे कहा, ‘कुछ टी20 प्रतियोगिताओं में ऑप्शनल खिलाड़ी होते हैं (आईपीएल). ये आपकी टीम में ऑलराउंडर की भूमिका खत्म कर देता है. जिन टीमों के पास अच्छे ऑलराउंडर नहीं हैं, वे अब 12 खिलाड़ियों के साथ खेल रही हैं. मैं इसका बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं हूं.’
'चोकर्स' पर भी बोले कैलिस
जैक कैलिस साउथ अफ्रीका की उस टीम का हिस्सा रहे हैं जिसे बड़ी प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज करने के नाकाम रहने के कारण ‘चोकर्स’ का ठप्पा मिला था. इसलिए वह मौजूदा भारतीय टीम के दर्द को समझ सकते हैं जो आईसीसी प्रतियोगिताओं में 9 बार सेमीफाइनल और फाइनल में शिकस्त झेल चुकी है. उन्होंने कहा, ‘इन टूर्नामेंट में आपको थोड़ी किस्मत की भी जरूरत होती है. टॉस गंवा सकते हैं या हालात आपके प्रतिकूल हो सकते हैं, आपको थोड़े भाग्य की भी जरूरत होती है क्योंकि खिलाड़ी निश्चित तौर पर हारने के लिए नहीं उतरते.’