Border Gavaskar Trophy: टीम इंडिया के नए हेड कोच गौतम गंभीर के लिए सबसे बड़ा चैलेंज ऑस्ट्रेलिया दौरा होगा. इस दौरे का इतिहास भयावह कहानियों से भरा रहा है. 2019 में भारतीय टीम ने 72 साल में पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने का सूखा खत्म किया था. टीम इंडिया यह कारनामा 2008 में ही कर देती, लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अंपायर्स भारत को हराने पर आतुर थे. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में हुए इस टेस्ट को मंकीगेट स्केंडल के नाम से आज भी याद किया जाता है. 


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ऑस्ट्रेलिया ने जीता था टॉस


टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने 1-0 से बढ़त बना रखी थी. सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया. भारत ने जबरदस्त शुरुआत की और महज 134 के स्कोर पर कंगारुओं के 6 विकेट झटक दिए थे. लेकिन इसके बाद अंपायर्स पर बेईमानी का भूत सवार हो गया. अंपायर मैदानी अंपायर स्टीव बकनर, मार्क बेन्सन और टीवी अंपायर ब्रूस ऑक्सनफोर्ड ऑस्ट्रेलिया को उबारने की कसम खा ली. एंड्रयू सायमंड्स को अंपायर्स ने 3 बार साफ आउट से बचा लिया. सबसे पहले महज 30 के स्कोर पर ईशांत शर्मा ने मोटे किनारे से सायमंड्स को आउट कर दिया था. लेकिन अंपायर स्टीव बकनर ने उन्हें नॉटआउट करार दिया. 


कितनी बार हुई बेईमानी? 


अंपायर बकनर ने दूसरी बार 48 के स्कोर पर सायमंड्स को बचा लिया. कुंबले की गेंद पर सायमंड्स फंसे और क्रीज के बाहर आए, जब तक उनका पैर हवा में था तब तक धोनी ने उनकी गिल्लियां बिखेर दी थीं. लेकिन टीवी अंपायर ने उन्हें नॉटआउट करार दिया. तीसरी बार शतक के बाद सायमंड्स आउट हुए, लेकिन मैदानी अंपायर ने थर्ड अंपायर का रुख नहीं किया. टीम इंडिया दबाव में थी, क्योंकि सायमंड्स ने 162 रन की पारी खेल टीम को 400 तक पहुंचा दिया. दूसरी ओर हरभजन और सायमंड्स के बीच तनातनी हुई और हरभजन पर सायमंड्स ने मंकी कहने का आरोप लगा दिया.


गेंदबाजी के दौरान भी अंपायर्स की खुली बेईमानी 


टीम इंडिया ने पारी की शुरुआत अच्छी की थी, लेकिन वसीम जाफर एक समय पर अपना विकेट दे बैठे. लेकिन यह नो बॉल थी जिसे अंपायर ने नहीं दिया. लेकिन वीवीएस लक्ष्मण और सचिन के शतक की बदौलत टीम इंडिया को 132 रन की अच्छी लीड मिल गई. दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 333 रन का लक्ष्य मिला. भारतीय टीम मजबूत स्थिति में थी, लेकिन अंपायर्स ने दूसरी पारी में भी जबरदस्ती खेल बिगाड़ दिया. राहुल द्रविड़ को गेंद में बिना बैट लगे ही आउट दे दिया गया. कैच लेकर गिलक्रिस्ट भी गलत फैसले पर चुप रहे. इसके बाद सौरव गांगुली का भी कैच जमीन से उठाया गया और अंपायर ने आउट दे दिया. माइकल क्लार्क ने अंत में अपने एक ही ओवर में 3 विकेट लेकर मुकाबला ऑस्ट्रेलिया की झोली में डाल दिया. 


ऑस्ट्रेलिया दौरे को बायकॉट करने की नौबत


सिडनी टेस्ट के बाद हरभजन पर लगे आरोपों पर एक्शन लिया गया और उन्हें 2 मैच के लिए बैन किया गया. लेकिन भारतीय टीम आगबबूला हो गई. अगर हरभजन से बैन नहीं हटता तो टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे को बहिष्कार करने को तैयार थी. जिसके बाद आईसीसी पीछे हटी और सीरीज के बाद मंकीगेट विवाद पर सुनवाई की. इस दौरान सबूतों की कमी के चलते भारत के पक्ष में फैसला आया. अंपायर बकनर को तीसरे टेस्ट में अंपायरिंग करने से मना कर दिया गया. हालांकि, इस सीरीज को ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 से जीता था.