धोनी के 8 हैरतअंगेज फैसले, जब माही के फैंस को लगा जोर का झटका
महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) अपने हैरतअंगेज फैसलों के लिए मशहूर हैं. ऐसे 8 मौके हैं जब माही ने अपने फैंस को जोर का झटका दिया है.
नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी अपने हैरतअंगेज फैसलों के लिए मशहूर हैं. चाहे वो क्रिकेट से संन्यास का फैसला हो या फिर वो चुपचाप अपने कॉलेज की दोस्त साक्षी रावत से शादी करने का फैसला हो. ऐसे मौके हैं जब माही ने अपने फैंस को जोर का झटका दिया है.
2010 में अचानक साक्षी से की शादी
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 4 जुलाई 2010 को देहरादून में अपने कॉलेज की दोस्त साक्षी सिंह रावत से चुपचाप शादी रचा कर अपने सभी फैंस को हैरान कर दिया था. 2007 में धोनी की मुलाकात साक्षी से एक होटल में हुई थी, जहां वह इंटर्न थीं. धोनी की शादी को लगभग 11 साल हो चुके हैं.
सहवाग-उथप्पा को बनाया हथियार
2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज के मैच चल रहे थे. भारत और पाकिस्तान के बीच पहला मुकाबला बेहद रोमांचक रहा और मैच टाई हो गया. अब मैच का फैसला बॉल आउट से होना था. बॉल आउट में हर टीम के 3 खिलाड़ियों को स्टंप को हिट करना था, हालांकि फुटबॉल की तरह इस दौरान गेंद और विकेट के बीच कोई बल्लेबाज नहीं रहता था. ज्यादा बार विकेट हिट करने वाली टीम को विजेता घोषित किया जाता था. धोनी ने नियमित गेंदबाजों की बजाय सहवाग, रॉबिन उथप्पा और हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ियों से गेंद करवाई. कप्तान धोनी की ये चाल काम कर गई.
जोगिंदर शर्मा को दिया बड़ा जिम्मा
2007 टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में भारत का मुकाबला पाकिस्तान से था. पाकिस्तानी को आखिरी ओवर में जीत के लिए 13 रन चाहिए थे. मिस्बाह-उल हक क्रीज पर थे, ऐसे में धोनी ने सभी को चौंकाते हुए उस नाजुक मौके पर गेंद जोगिंदर शर्मा को सौंप दी. धोनी के इस फैसले से सभी हैरान रह गए. जोगिंदर शर्मा ने धोनी के फैसले को गलत साबित नहीं होने दिया और भारत टी-20 वर्ल्ड कप चैम्पियन बन गया.
2011 वर्ल्ड कप फाइनल में युवराज से पहले उतरना
2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में भारतीय टीम मुश्किल में नजर आ रही थी सबको लगा शानदार फॉर्म में चल रहे युवराज सिंह अब क्रीज पर आएंगे. लेकिन धोनी ने इस बार भी सबको चौंका दिया और युवराज को ना भेजकर खुद बल्लेबाजी के लिए आए. धोनी के इस फैसले ने इतिहास रच दिया. 1983 के बाद भारतीय टीम ने दूसरी बार वर्ल्ड कप का खिताब जीता. कप्तान धोनी ने खुद छक्का लगाकर टीम की विजयगाथा लिखी.
रोहित को बनाया ओपनर
धोनी का एक और सबसे बड़ा फैसला था रोहित शर्मा से वनडे में ओपनिंग करवाना. इसी वजह से रोहित शर्मा वनडे मैचों में 3 बार दोहरा शतक लगाने में कामयाब रहे. इसमें रोहित शर्मा का वनडे क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर 264 रन भी शामिल है.
2013 चैम्पियंस ट्रॉफी में ईशांत का बेहतरीन इस्तेमाल
2013 में इंग्लैंड में चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत का मुकाबला मेजबान इंग्लैंड से था. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 129 रन बनाए जो कि इंग्लैंड जैसी बल्लेबाजी के सामने काफी कम स्कोर था. लेकिन कप्तान धोनी ने इंग्लिश टीम पर जवाबी हमला बोल दिया. 18वें ओवर में जब मैच रोमांचक मोड़ पर था और इंग्लैंड की जीत पक्की लग रही थी उस समय धोनी ने अच्छी गेंदबाजी कर रहे स्पिनरों की बजाय महंगे साबित हो रहे ईशांत को गेंद थमा थी. ईशांत ने भारतीय टीम को मैच में वापस ला दिया. इस तरह से कप्तान धोनी ने अपने एक और चौंकाने वाले फैसले से चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने के साथ ही लोगों का दिल भी जीत लिया.
वनडे और टी-20 की कप्तानी को अलविदा
टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2017 की शुरुआत में ही वनडे और टी-20 कप्तानी को भी उसी अंदाज में अलविदा कहा, जिसके लिए वो जाने जाते हैं.
अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास
महेंद्र सिंह धोनी ने 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था. महेंद्र सिंह धोनी ने सोशल मीडिया पर खुद के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने का ऐलान किया था.