नागपुर : इन दिनों क्रिकेट में भारत के युवा खिलाड़ी धूम मचा रहे हैं. न्यूजीलैंड में चल रहे अंडर 19 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में भारत के लड़कों ने अपने प्रदर्शन से सारी दुनिया को चकित कर रखा है. इसका असर हाल ही में हुई आईपीएल नीलामी में भी दिखाई दिया. टीम इंडिया के भविष्य के खिलाड़ियों पर अभी से नजर रखी जाने लगी है. वहीं इस साल आईपीएल नीलामी में भी युवा खिलाड़ियों पर दांव ज्यादा लगा. फ्रेंचाइजी टीमों ने अनुभवी खिलाड़ियों की जगह नए खून को ज्यादा तरजीह दी. इसीलिए सबकी निगाहें  अंडर 19 कूच बिहार ट्रॉफी जैसे युवा टूर्नामेंट्स में खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर भी रहती हैं. हाल ही में कूच बिहार ट्रॉफी के फाइनल में एक शानदार प्रस्तुति देखने को मिली.


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इस पारी में 1999-2000 के सत्र में अंडर19 बिहार कूच ट्रॉफी के फाइनल में तिहरा शतक लगा कर सभी का ध्यान खींचा था. युवराज पहले ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने अंडर 19 बिहार कूच के फाइनल में तिहरा शतक लगाया था. पंजाब और बिहार के बीच हुए इस फाइनल मैच में अकेले युवराज ने 358 रन बनाए थे और बिहार की पूरी टीम को पंजाब ने 357 रन पर ही समेट दिया था. इसी मैच के बाद युवराज ने अंडर 19 वर्ल्ड कप में अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से दुनिया में खास मुकाम हासिल कर लिया था जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 


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ऐसी ही पारी की याद दिलाई अथर्व तायडे ने जब अथर्व ने फाइनल में विदर्भ की ओर से शानदार 320 रन बनाए और टीम की जीत की भूमिका बनाई.  अथर्व ने अपनी 320 की पारी में  केवल एक छक्का लगाया और 34 चौके लगाए और इसके लिए उसने 483 गेंदों का सामना किया. बताया जा रहा है कि अथर्व की यह पारी उसके मिजाज के खिलाफ काफी शांत पारी थी. अथर्व का कहना है कि जब वह तिहरे शतक के करीब था तो काफी नर्वस हो गया था. लेकिन तिहरा शतक पूरा होते ही उसने अगली ही गेंद पर चौका भी जमा दिया. 



इस साल अंडर 19 कूच बिहार ट्रॉफी का फाइनल नागपुर में विदर्भ और मध्यप्रदेश के बीच हो रहा था. पिछले महीने ही अपना पहला रणजी ट्रॉफी जीतने वाले विदर्भ की टीम के जीतने की सभी को उम्मीद थी. हालांकि इस बार खिलाड़ी अंडर 19 टीम के थे. मध्य प्रदेश ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और 289 रन पर आउट हो गई. कप्तान और सलामी बल्लेबाज के तौर पर अथर्व का लक्ष्य बड़ा स्कोर खड़ा करना था.



अथर्व की पारी ने बड़े स्कोर की नींव रखी जिसकी बदौलत टीम ने 614 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया. इस तरह से 325 रन की बड़ी बढ़त लेकर विदर्भ ने यह सुनिश्चित किया कि उन्हें अब बल्लेबाजी करने की जरूरत न पड़े. विदर्भ के गेंदबाजों ने इसे सुनिश्चित भी किया जब उन्होंने मध्यप्रदेश की पूरी टीम केवल 176 रन पर समेट कर विदर्भ को पारी से जीत दिलाने के साथ साथ बिहार कूच ट्रॉफी भी दिला दी. यह पहली बार है कि विदर्भ ने अंडर 19 बिहार कूच ट्रॉफी जीती है. 


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अथर्व चार साल की उम्र से ही क्रिकेट खेल रहे हैं पिता ययाति तायडे का कहना है कि करीबन पहली बार इस स्तर पर इस स्टाइल के साथ खेल पाना बताता है कि क्रिकेट में उसका भविष्य कितना उज्जवल है. युवराज की तरह पारी खेलना अथर्व का खास कैरेक्टर दिखाती है और यह दर्शाती है कि उनमें लंबी पारी खेलने की कितनी बड़ी क्षमता है.