Spot Fixing by Pakistan Cricketers: पाकिस्तान की राजनीति हो या क्रिकेट का मैदान, अक्सर कुछ ना कुछ विवाद निकल ही आता है. खेल की बात करें तो अक्सर पाकिस्तान की तरफ से कुछ ना कुछ छींटाकशी या टीका-टिप्पणी होती ही है. भारत में जारी वनडे वर्ल्ड कप (ODI World Cup-2023) को लेकर भी पाकिस्तान का रुख पहले ऐसा ही था. कभी खिलाड़ियों को भारत ना भेजने की धमकी तो कभी वीजा का बहाना. कभी नियमों को लेकर बात हो तो कभी कुछ. इसी पाकिस्तान के क्रिकेटर 12 साल पहले स्पॉट फिक्सिंग के मामले में जेल तक की सजा काट चुके हैं.


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2010 का मामला


ये मामला साल 2010 का है. पाकिस्तान की टीम इंग्लैंड के दौरे पर थी. लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर दोनों टीमों के बीच टेस्ट मैच खेला गया. अगस्त में खेले गए उस मैच को लेकर 3 नहीं बल्कि 4 को सजा सुनाई गई. इनमें से 3 खिलाड़ियों मोहम्मद आमिर, मोहम्मद आसिफ और सलमान बट के अलावा उनका एजेंट मजहर माजिद भी शामिल था. इन चारों पर भ्रष्ट तरीके से पैसे लेने की साजिश रचने और लॉर्ड्स टेस्ट के संबंध में धोखाधड़ी की साजिश का आरोप लगाया था. मैच में 3 पूर्व-निर्धारित नो-बॉल फेंकी गई थीं - दो आमिर और एक आसिफ ने. सलमान बट और मजीद ने सारी व्यवस्था की. आमिर और माजिद ने मुकदमा शुरू होने से पहले ही अपना दोष स्वीकार कर लिया था, बट और आसिफ ने आरोपों से इनकार किया और बाद में जूरी ने उन्हें दोषी पाया.


3 पाकिस्तानियों को जेल की सजा


3 नवंबर 2011. ये तारीख पाकिस्तान क्रिकेट में शायद ही कोई भूल पाएगा. एक ऐतिहासिक फैसले में, 2010 के लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने के लिए तीन पाकिस्तानी खिलाड़ियों को जेल की सजा सुनाई गई. ये सजा इंग्लैंड में मिली. सलमान बट को ढाई साल, मोहम्मद आसिफ को एक साल  और मोहम्मद आमिर को 6 महीने की सजा सुनाई गई. थी. लंदन की कोर्ट में आईसीसी प्रतिबंध झेल रहे इन खिलाड़ियों पर मुकदमा चला. उन पर भ्रष्ट तरीके से पैसे स्वीकार करने और धोखाधड़ी की साजिश रचने का आरोप लगा था. स्पोर्ट्स एजेंट मजहर मजीद को 2 साल 8 महीने की सजा सुनाई गई थी. 


स्टिंग ऑपरेशन का हवाला


मुकदमे में सबूत एक अखबार के स्टिंग ऑपरेशन से मिले. न्यूज ऑफ द वर्ल्ड अखबार ने तब एक स्टिंग ऑपरेशन किया और छिपे हुए कैमरे के फुटेज दिखाए. इस दौरान एक अंडरकवर पत्रकार माजिद से मिला, जिसने उसे बताया था कि वह आसिफ और आमिर को टेस्ट मैच के दौरान निर्दिष्ट समय पर नो-बॉल फेंकने के लिए कह सकता है. सितंबर 2015 में प्रतिबंध हटने के बाद ये तीनों आधिकारिक क्रिकेट में लौटने के लिए स्वतंत्र थे.


परिवार भी थे स्तब्ध


लाहौर में दोषी खिलाड़ियों के परिवार इस सजा से स्तब्ध थे. आमिर के पिता ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को उनके बेटे की मदद करनी चाहिए थी. उनके भाई सलीम ने कहा, 'वह एक बच्चा है, वह चीजों को नहीं समझ सकता. जो लड़का अपरिपक्व है उसके लिए ये छह महीने बहुत हैं.' सलमान बट के पिता जुल्फिकार ने अपने बेटे को निर्दोष बताया और कहा, 'हमारे अपने चाहने वालों ने हमारे खिलाफ साजिश रची. आप हमारा बैंक बैलेंस देख सकते हैं, हम अपना घर भी नहीं बना पाए हैं.'