Opinion: ये हार बड़ी दुखदाई है... अपने ही जाल में फंस गई टीम इंडिया, `बैजबॉल` को कॉपी करने से हुआ बेड़ा गर्क
तीन मैचों की घरेलू टेस्ट सीरीज में भारत का न्यूजीलैंड ने सफाया कर दिया. भारतीय खिलाड़ियों के शर्मनाक के चलते ही टीम को आज यह दिन देखना पड़ा. आइए एक नजर डालते हैं कुछ बड़ी वजहों पर, जिसके चलते ऐसा हुआ.
India vs New Zealand: आज से चंद रोज पहले कौन सोच सकता था कि अपने घर में लगातार 18 टेस्ट सीरीज जीतने वाली भारतीय टीम एक ऐसे देश के आगे सरेंडर कर देगी, जो यहां एक सीरीज तक नहीं जीत सका. लेकिन जो किसी ने नहीं सोचा था, वही हुआ. न्यूजीलैंड ने भारत में आकर भारतीय सरजमीं पर न सिर्फ अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीती, बल्कि रोहित शर्मा एंड कंपनी का क्लीन स्वीप कर दिया. जाहिर है इस दर्द को अब भुलाया तो नहीं जा सकता. चाहे फैन हो या खिलाड़ी, धक्का तो लगा है. बड़ा सवाल यह है कि इस हार के कसूरवार कौन हैं...
मैच दर मैच टूटे दिल
टीम इंडिया ने इस सीरीज में फैंस के दिल एक बार नहीं, बल्कि कई बार तोड़े. भारत की सीरीज में हार के साथ शुरुआत हुई. बेंगलुरु में हुए पहले टेस्ट की पहली पारी में भारत घरेलू मैदान पर अपने सबसे छोटे टोटल 46 रन पर ही सिमट गया. इस गम से फैंस उबरने की कोशिश ही कर रहे थे कि मैच हारने की न्यूज मिल गई.
वहीं, दूसरे टेस्ट की कहानी भी कुछ पहले मैच जैसी ही रही. बल्लेबाजों के शर्मनाक प्रदर्शन से भारत को 113 रन से मात मिली और पहली बार न्यूजीलैंड से घर में कोई सीरीज हार गई. मुंबई में हुए तीसरे टेस्ट मैच में सभी को उम्मीद थी कि भारत के शेर वापसी करेंगे, लेकिन यहां तो बेड़ागर्क ही हो गया. 147 रन के मामूली से टारगेट का पीछा करते हुए भारत 121 रन पर ही ढेर हो गया.
हार का कसूरवार कौन?
रोहित-विराट की लगातार फ्लॉप बैटिंग और टॉप ऑर्डर के घटिया प्रदर्शन भारत की इस सीरीज में क्लीन स्वीप का सबसे बड़ा कारण रहा. ऋषभ पंत ने काफी हद तक अपनी बल्लेबाजी से नतीजे टीम के पक्ष में करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें बाकी खिलाड़ियों का साथ नहीं मिला. भारतीय बल्लेबाजों का शॉट सेलेक्शन भी कई मौकों पर खराब रहा. महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी साफ-साफ शब्दों में कहा, 'इस प्रदर्शन के बाद उन्हें आत्मनिरीक्षण की जरूरत है.' उन्होंने कहा, 'क्या यह तैयारी की कमी थी, क्या यह खराब शॉट सेलेक्शन था या मैच प्रैक्टिस की कमी थी?'
रोहित-विराट से संन्यास की मांग
रोहित शर्मा और विराट कोहली की इस सीरीज में फुस्स बैटिंग से फैंस काफी नाराज हैं. उनका नाराज या गुस्सा होना गलत नहीं है. दो ऐसे बल्लेबाज जिनकी विश्व क्रिकेट में धाक है, जिनके नाम से ही गेंदबाजों में खौफ पैदा हो जाता, वह 20 से भी कम औसत से बल्लेबाजी करें, ये किसी के लिए भी पचा पाना मुश्किल है. उनके प्रदर्शन को देखकर ही फैंस रोहित और विराट से रिटायरमेंट की मांग करने लगे हैं. बता दें कि रोहित ने सीरीज में सिर्फ 91 रन बनाए, जबकि विराट के बल्ले से 93 रन ही निकले.
अपने ही जाल में फंसी टीम इंडिया
यह तो साफ है कि अपने घर पर खेलने वाली टीम घरेलू परिस्थितियों का लाभ उठाना चाहती है. लेकिन टीम इंडिया पर यह उल्टा पड़ गया. अपने मुताबिक बनाई गई पिचों पर ही भारतीय बल्लेबाज नाचते नजर आए. चाहे बेंगलुरु हो या पुणे या फिर मुंबई टेस्ट मैच की रैंक टर्नर पिच. भारतीय बल्लेबाजों का इतना बुरा हाल शायद ही घर में खेलते हुए कभी देखने को मिला है.
बैजबॉल ने किया बड़ा गर्क
'बैजबॉल' का भूत कुछ भारतीय बल्लेबाजों पर इस कदर सवार था कि तेज खेलने के चक्कर में परिस्थितियों को भांपे बिना ही बल्ला फेंकते नजर आए. इसी साल की शुरुआत में खेली गई 'बैजबॉल' की जन्मदाता इंग्लैंड टीम के खिलाफ घरेलू सीरीज में भारत ने उसी के अंदाज में 4 मैच हराकर सीरीज नाम की थी. लेकिन न्यूजीलैंड सीरीज में यह करना टीम पर भारी पड़ गया.
आगे क्या?
खैर, इस सीरीज को भुलाकर भारतीय टीम को आगामी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के बारे में सोचना होगा, जिसमें शानदार प्रदर्शन करने के बाद ही टीम इंडिया को WTC फाइनल 2025 का टिकट मिलेगा. हालांकि, रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे टीम में शामिल सीनियर खिलाड़ियों को मैच जिताने की जिम्मेदारी लेनी होगी, यह तभी संभव हो सकेगा. न्यूजीलैंड से क्लीन स्वीप होकर टीम इंडिया ने WTC फाइनल में पहुंचने की अपनी राह और मुश्किल कर ली है.