विशाखापट्टनम : भारत और श्रीलंका के बीच हुआ तीसरा एक दिवसीय मैच हमेशा भारत की पकड़ में नहीं था. भारत केवल श्रीलंका की बल्लेबाजी के दौरान के आखिरी भाग में ही हावी हो सका था. वरना 22 ओवर तक केवल एक विकेट खोकर श्रीलंका ने छह से ऊपर का रन रेट कायम रखा हुआ था जो कि बहुत अच्छी स्थिति थी. लेकिन श्रीलंका यह स्थिति ज्यादा समय तक बरकरार नहीं रख सकी और यह बदलाव केवल एक ओवर में ही हो गया.


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कई लोगों का इस बात पर ध्यान ही नहीं गया क्योंकि श्रीलंका की रन बनाने की गति न केवल कम हो गई बल्कि श्रीलंकाई टीम की बल्लेबाजी पूरी तरह से चरमरा गई. जिसकी वजह से पूरी टीम 215 रनों पर ही आउट हो गई. मजेदार बात यह रही कि श्रीलंका के आखिरी पांच बल्लेबाज अपने स्कोर में केवल 26 रन ही जोड़ सके और उन पांच बल्लेबाजों ने आउट होने में 11 ओवर लगा दिए. 
हालांकि इसके बाद भारत को मिला 216 रनों का लक्ष्य आसान ही साबित हुआ क्योंकि पिच पर बल्लेबाजी आसान ही थी यह शिखर धवन और श्रेयस अय्यर ने दिखा दिया.


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वह खास ओवर श्रीलंका की बल्लेबाजी के दौरान 28वां ओवर था और गेंदबाज कुलदीप यादव थे. उस समय उपल थरंगा अपने पूरे फार्म में चल रहे थे और शतक के करीब भी पहुंच चुके थे. वे हार्दिक पांड्या के एक ओवर में लगातार पांच चौके  लगा चुके थे. ऐसा लग रहा था कि श्रीलंका 300 का आंकड़ा आसानी से पार कर लेगा.


लेकिन एक बार फिर भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी संकटमोचन बन कर आए और उन्होंने बड़ी चालाकी से थरंगा को स्टंप आउट कर दिया. यहां तक कि फैसला लेने में थर्ड अंपायर को भी समय लेना पड़ा. इसके बाद उसी ओवर में ही दिकवेला को कुलदीप ने श्रेयस के हाथों कैच करा कर पवेलियन वापस भेज दिया.


फिर मैच का रुख पूरी तरह बदल गया जहा श्रीलंकाई बल्लेबाज हर ओवर में कम से कम एक बाउंड्री लगा ही रहे थे, वही अब उनके लिए एक एक रन लेना भी मुश्किल हो चला था. उस ओवर को फेंकने वाले  चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव का मानना है उसओवर में उनके द्वारा लिए गए दो विकेटों ने मैच का रुख बदल दिया. उस पारी में कुलदीप और युजवेंद्र चहल द्वारा लिए गए तीन-तीन विकेट काफी अहम थे.


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मैच के बाद कुलदीप ने कहा, "उनके बल्लेबाज विकेट पर जमे हुए थे और हम जानते थे कि मध्य ओवरों में हमें विकेटों की जरूरत है. मैंने दो विकेट एक ही ओवर में लिए और इससे मैच का रुख हमारी तरफ हो गया." उन्होंने कहा, "विकेट स्पिन गेंदबाजों के लिए काफी अच्छी थी. हमें अच्छी खासी स्पिन मिल रही थी जिसे देखकर मुझे खुशी हुई."  कुलदीप को इस मैच में हरफनमौला खिलाड़ी वॉशिंगटन सुंदर के स्थान पर अंतिम एकादश में जगह मिली थी. सुंदर बीमारी के कारण नहीं खेल सके. 


कुलदीप ने कहा, "मैंने अपनी गेंद की लैंग्थ पर भी काफी काम किया है. आपकी तैयारी काफी मायने रखती है. जब आप खेलते नहीं हो तो अभ्यास करते हो और अपनी फिटनेस तथा फील्डिंग पर काफी मेहनत करते हो. जब आपको मौका मिलता है तो आप अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते हो."


कोच पोथास ने भी माना इस ओवर को टर्निंग पाइंट
वहीं श्रीलंका के कोच निक पोथास ने इस ओवर के बारे में कहा कि उस ओवर में दो विकेट आसानी से गंवाने के बाद उनकी टीम बैकफुट पर आ गयी जबकि इससे पहले भारत के खिलाफ तीसरे वनडे में वह अच्छी स्थिति में थी. पोथास ने श्रीलंका की आठ विकेट से हार के बाद कहा, ‘‘हम 28वें ओवर तक मैच में काफी अच्छी स्थिति में थे. इसके बाद एक ओवर में दो विकेट (थरंगा और डिकवेला) निकल गये और इसके बाद टीम बैकफुट पर आ गयी. यह बेहद निराशाजनक है. ’’ उन्होंने कहा कि टीम की रणनीति सही थी लेकिन एक ओवर में दो विकेट गंवाने से टीम को झटका लगा.


पोथास ने कहा, ‘‘हम एक रणनीति के साथ मैदान पर उतरे थे. हमने टीम में स्पिनरों को अच्छी तरह से खेलने वाले अधिक से अधिक खिलाड़ियों को रखा. अगर आप भारत से खेलना चाहते हो तो टीम में मध्यक्रम में ऐसे खिलाड़ी होने चाहिए जो स्पिन को अच्छी तरह से खेलें. रणनीति अच्छी थी लेकिन हम एक ओवर में दो विकेट गंवा बैठे और इससे हम पिछड़ गये.’’ श्रीलंका ने पिछले दोनों मैच बड़े अंतर से गंवाये लेकिन पोथास ने कहा कि खिलाड़ी तेजी से नहीं सीख पा रहे हैं. 


(इनपुट भाषा/आईएएनएस)