नई दिल्ली: शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काफी शोहरत कमाई है. इसके सबसे बड़ी वजह है उनकी तेज गेंदबाजी. अपने इसी हुनर की वजह से उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. 27 अप्रैल 2002 को उन्होंने 100.04 मील प्रति घंटे (161 किलोमीटर प्रति घंटे) की रफ्तार से लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में गेंद फेंकी थी. 100 मील की स्पीड तक पहुंचने वाले वो दुनिया के पहले गेंदबाज बने थे. उन्होंने ये गेंद न्यूजीलैंड के बल्लेबाज क्रेग मैक्मिलन को फेंकी थी. लेकिन आईसीसी ने तकनीकी कारणों से इस रिकॉर्ड को आधिकारिक बनाने से इंकार कर दिया था.



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शोएब अख्तर का 100.4 मील प्रति घंटे वाला रिकॉर्ड आईसीसी (ICC) ने ये कहते हुए नकार दिया कि इस स्पीड को उस उपकरण ने मापा गया था, जिसे आईसीसी स्टैंडर्ड के मुताबिक सही नहीं माना जाता. हांलाकि शोएब इससे निराश जरूर हुए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, वो लगातार तेज गेंदबाजी करते रहे और आखिरकार वो एक दिन कामयाब हो गए. अख्तर ने वर्ल्ड कप 2003 के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ 100.2 मील प्रति घंटा (161.3 किलोमीटर प्रति घंटा) की रफ्तार से गेंद फेंकी थी, यह कारनामा उन्होंने केपटाउन के न्यूलैंड्स मैदान में किया था.



शोएब अख्तर को रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से पुकारा जाता था. वो अपने करियर के दौरान रफ्तार के किंग थे. शोएब को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिए 9 साल हो गए,लेकिन उनकी सबसे तेज गेंद का रिकॉर्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है. ऑस्ट्रेलिया के ब्रेट ली और शॉन टेट भी अपने दौर के शानदार तेज गेंदबाज रहे हैं, लेकिन वो भी शोएब अख्तर को पीछे छोड़ने में नाकाम रहे. हांलाकि क्रिकेट फैंस को कुछ युवा गेंदबाजों से उम्मीद है कि वो रफ्तार के बेताज बादशाह के तख्त को गिरा देंगे. 


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