87 साल में पहली बार Ranji Trophy हुई कैंसिल, Coronavirus की वजह से लिया गया फैसला
नई दिल्ली: बीसीसीआई (BCCI) ने अहम फैसला लेते हुए बताया है है कि 87 साल में पहली बार रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) नहीं खेली जाएगी. 1934 में इस घरेलू टूर्नामेंट की शुरुआत की गई तब से हर साल इसका आयोजन किया जाता रहा है. जाहिर सी बात है कि इस खबर से घरेलू क्रिकेटर्स को निराशा हुई होगी.
रणजी ट्रॉफी कैंसिल होने का नुकसान
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Jay Shah) रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) का आयोजन कराना चाहते थे क्योंकि इसमें खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा फीस मिलती है, जो प्रति मैच करीब डेढ़ लाख (Rs. 1.5 Lakh) रुपये है.
रणजी पर कोरोना का कहर
कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच 2 स्टेज में आयोजन के लिए 2 महीने का बायो बबल (Bio Bubble) बनाना मुमकिन नहीं है. जय शाह (Jay Shah) ने बताया कि,‘हम पहले ही काफी वक्त गंवा चुके हैं और सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखकर क्रिकेट कैलेंडर तैयार करना काफी मुश्किल था.’
इन टूर्नामेंट्स का होगा आयोजन
राहत की बात ये है कि विजय हजारे ट्रॉफी (Vijay Hazare Trophy) खेली जायेगी क्योंकि स्टेट यूनिट्स इसका आयोजन चाहती हैं. बीसीसीआई पहली बार अंडर 19 नेशनल वनडे टूर्नामेंट (National Under-19 One-Day Tournament), वीनू मांकड़ ट्रॉफी (Vinoo Mankad Trophy) और वुमेंस नेशनल वनडे टूर्नामेंट (Women’s National One Day Tournament) का भी आयोजन करेगा. बोर्ड के सचिव जय शाह ने स्टेट यूनिस को लिखी चिट्ठी के जरिए ये जानकारी दी.
खिलाड़ियों का रखा जाएगा ख्याल
बीसीसीआई (BCCI) ने अपनी एजीएम (AGM) में तय किया था कि सीजन छोटा होने पर खिलाड़ियों के नुकसान की भरपाई की जाएगी. माना जाता है कि बोर्ड इस दिशा में कोई उपाय करेगा ताकि घरेलू क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति पर असर नहीं पड़े. जय शाह (Jay Shah) ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी20 टूर्नामेंट (Syed Mushtaq Ali T20 Tournament) के आयोजन के लिए स्टेट यूनिट्स का शुक्रिया अदा किया है.