रजनीश गुरबाणी ने 45 साल बाद दोहराया यह कारनामा, रणजी ट्रॉफी फाइनल में हैट्रिक लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने
83 साल के रणजी ट्रॉफी के इतिहास में न सिर्फ साल 2017 का, बल्कि होल्कर स्टेडियम इंदौर भी रिकॉर्ड बुक में शामिल हो गया.
नई दिल्ली: विदर्भ और दिल्ली के बीच इंदौर में रणजी 2017-18 का फाइनल खेला जा रहा है. रणजी फाइनल के दूसरे ही दिन विदर्भ टीम के तेज गेंदबाज रजनीश गुरबाणी ने अनोखा कारनामा कर दिखाया है. रजनीश ने दूसरे दिन हैट्रिक ली है. गुरबाणी की हैट्रिक ने विदर्भ की इस मैच में वापसी करवा दी है. दिल्ली 295 पर ऑलआउट हो गई है. बता दें कि रजनीश गुरबाणी, तमिलनाडु के बी कल्याणसुंदरम के बाद रणजी ट्रॉफी फाइनल में हैट्रिक लेने वाले दूसरे गेंदबाज बन गए हैं. कल्याणसुंदरम ने 1972/73 के फाइनल में बंबई के खिलाफ हैट्रिक ली थी.
इंदौर के होल्कर स्टेडियम में शुक्रवार को शुरू हुआ रणजी ट्रॉफी फाइनल अपने आप में अनोखा है. 83 साल के रणजी ट्रॉफी के इतिहास में न सिर्फ साल 2017 का, बल्कि होल्कर स्टेडियम इंदौर भी रिकॉर्ड बुक में शामिल हो गया.
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दरअसल, 2017-18 सत्र का रणजी ट्रॉफी फाइनल दिल्ली और विदर्भ के बीच इंदौर के होल्कर स्टेडियम में 29 दिसंबर 2017 को शुरू हुआ. मजे की बात इसी साल 2016-17 सीजन का भी फाइनल जनवरी में खेला गया था- यानी एक ही साल दो रणजी फाइनल! साथ ही एक और बड़ी बात कि वह भी एक जगह, एक ही स्टेडियम में. मुंबई और गुजरात के बीच 2016/17 रणजी सत्र का फाइनल 10 जनवरी 2017 से खेला गया, जिसमें गुजरात ने 5 विकेट से बाजी मारी.
दिल्ली और विदर्भ के बीच 2017/18 रणजी सत्र का फाइनल 29 दिसंबर 2017 को शुरू हुआ है.
पहले दिन की मैच रिपोर्ट
ध्रुव शोरे ने अपने जज्बे का अच्छा नमूना पेश करके आज यहां नाबाद शतक जमाया जिससे दिल्ली ने विदर्भ के खिलाफ रणजी ट्राफी फाइनल के पहले दिन आज यहां छह विकेट पर 271 रन बनाए. विदर्भ ने भी हालांकि दिल्ली के बल्लेबाजों पर शिकंजा कसे रखा जिससे मैच का पहले दिन दोनों टीमों का पलड़ा बराबरी पर रहा.
शोरे 256 गेंदों का सामना करके 123 रन बनाकर खेल रहे हैं. यह उनका प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तीसरा और निसंदेह सबसे महत्वपूर्ण शतक है. शोरे ने लगभग पूरे दिन बल्लेबाजी की और इस बीच 17 चौके लगाए. कुणाल चंदेला के पहले ओवर में आउट होने के बाद क्रीज पर उतरे 25 वर्षीय शोरे ने होलकर स्टेडियम में विदर्भ के गेंदबाजों के शुरूआती स्पैल का डटकर सामना करने के बाद रन बनाने का बीड़ा उठाया.
शोरे ने हिम्मत सिंह के साथ पांचवें विकेट के लिये 105 रन बनाए. हिम्मत ने 72 गेंदों पर आठ चौकों और दो छक्कों की मदद से 66 रन की प्रवाहमय पारी खेली. बल्लेबाजी का न्यौता पाने के बाद दिल्ली की शुरूआत अच्छी नहीं रही. उसने अनुभवी गौतम गंभीर सहित अपने दोनों ओपनर पहले घंटे के खेल में ही गंवा दिए थे. दिन आगे बढ़ने के साथ दिल्ली अच्छी वापसी कर रहा था लेकिन हिम्मत के आउट होने से उसे निश्चित तौर पर निराशा हुई होगी.
हिम्मत बेपरवाह बल्लेबाजी कर रहे थे. उन्होंने बायें हाथ के स्पिनर आदित्य सरवटे पर लॉन्ग ऑन और लॉन्ग ऑफ पर छक्के लगाए और रजनीश गुरबाणी के भी एक ओवर में तीन चौके लगाए लेकिन इसके बाद वह विकेट के पीछे कैच देकर पवेलियन लौट गये.
उमेश यादव की जगह अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेल रहे आदित्य ठाकरे और गुरबाणी ने विदर्भ की तरफ से दो-दो विकेट लिए हैं. ठाकरे ने पहली बार फाइनल में खेल रही विदर्भ की टीम को शुरूआती ओवर में ही सफलता दिलायी जब उन्होंने प्रथम श्रेणी मैचों में अपने पहले ओवर में ही चंदेला को पवेलियन भेजा. उन्होंने पहले आउटस्विंगर पर उन्हें हैरान किया और फिर बाहर जाती गेंद बल्ले का किनारा लेकर पहली स्लिप में कप्तान फैज फजल के पास चली गई.
दिल्ली का स्कोर एक विकेट पर एक रन हो गया. शोरे ने यहीं पर क्रीज पर कदम रखा. विदर्भ को जल्द ही दूसरी बार जश्न मनाने का मौका मिला जब आफ स्पिनर अक्षय वाखरे ने गंभीर (15) को बोल्ड किया. गेंद बल्लेबाज के पैड से लगकर विकेट पर लगी. यह वाखरे का प्रथम श्रेणी मैचों में 200वां विकेट भी था.
टीम का सबसे सीनियर बल्लेबाज पवेलियन में विराजमान था और ऐसे में दिल्ली को अच्छी साझेदारी की जरूरत थी लेकिन ठाकरे ने नितीश राणा (21) को पगबाधा आउट कर दिया. इस सत्र में रन बनाने के लिये जूझ रहे कप्तान ऋषभ पंत (21) फिर से बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे. उन्होंने गुरबाणी की बाहर जाती गेंद को स्लैश करने के प्रयास में अपना विकेट गंवाया.
दिल्ली का स्कोर चार विकैट पर 99 रन हो गया. यहां से हिम्मत और शोरे ने पारी आगे बढ़ायी. हिम्मत जहां प्रवाहमय बल्लेबाजी कर रहे थे वहीं शोरे ने अपनी एकाग्रता बनाये रखी और सात बार के चैंपियन को वापसी करने में मदद की.
दिल्ली ने दूसरे सत्र में अच्छा प्रदर्शन किया तथा इस बीच 27 ओवरों में एक विकेट गंवाकर 91 रन जोड़े. यह सब हिम्मत और शोरे की साझेदारी के कारण संभव हो पाया. हिम्मत का आउट होना हालांकि विवादास्पद भी रहा.
उनके पवेलियन लौटने के बाद मनन शर्मा (13) भी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाए. फजल ने पहली स्लिप में उनका शानदार कैच लिया. स्टंप उखड़ने के समय शोरे के साथ विकास मिश्रा पांच रन पर खेल रहे थे.