Mayank Yadav: बांग्लादेश के खिलाफ जारी टी20 इंटरनेशनल सीरीज के पहले मुकाबले में इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले युवा तेज गेंदबाज मयंक यादव को लेकर पूर्व भारतीय पेसर आरपी सिंह ने बड़ा बयान दिया है. इस दिग्गज का कहना है कि मयंक यादव को अभी टेस्ट क्रिकेट में लाना जल्दबाजी होगी. हालांकि, आरपी ने इसके पीछे की वजह भी बताई. बता दें कि मयंक ने आईपीएल की तरह ही इंटरनेशनल डेब्यू पर भी अपनी तेज रफ्तार गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया.


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क्या बोले आरपी सिंह?


बाएं हाथ के पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह का मानना है कि मयंक यादव को टेस्ट क्रिकेट में लाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि वह अपने करियर के शुरुआती दौर में है. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में अपनी गति से प्रभावित करने वाले मयंक ने ग्वालियर में बांग्लादेश के खिलाफ शुरुआती टी20 में भारत के लिए शानदार डेब्यू किया. मयंक ने अभी तक सिर्फ एक फर्स्ट क्लास मैच खेला है, लेकिन उनकी विशेष प्रतिभा को देखते हुए उन्हें नेशनल टीम में शामिल कर लिया गया. 


'ऑस्ट्रलिया सीरीज में जगह देना जल्दबाजी'


आरपी सिंह मयंक की गति और नियंत्रण से प्रभावित हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि ऐसे गेंदबाज के लिए ऑस्ट्रेलिया में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का हिस्सा बनना जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए आकाश दीप को तेज गेंदबाजी आक्रमण में होना चाहिए. उनकी गेंदबाजी करने का तरीका बेहतर लगता है. मयंक यादव के पास गति है, जो तेज गेंदबाजी का एक पहलू है.' 


घरेलू क्रिकेट पर फोकस करना चाहिए


आरपी सिंह ने जियो सिनेमा द्वारा आयोजित बातचीत में कहा, 'ऐसी कई विविधताएं और कौशल हैं जो धीरे-धीरे विकसित होते हैं. मयंक अपने करियर के शुरुआती स्टेज में है. टेस्ट मैच में बहुत ज्यादा कार्यभार होता है. आपके धैर्य और कौशल की परीक्षा होती है.' इस पूर्व गेंदबाज ने कहा, 'मयंक ने अभी उतनी घरेलू क्रिकेट नहीं खेली है जितनी आकाश दीप या मोहम्मद शमी ने (भारतीय टीम में शामिल होने से पहले) खेली थी. मयंक को अभी भी उस स्तर में आना बाकी है. आकाश दीप एक बेहतर विकल्प हैं.' 


वर्कलोड को लेकर भी बोले


भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने हाल ही में मयंक के कार्यभार को मैनेज करने को लेकर बात की थी. आरपी सिंह से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वर्कलोड मैनेजमेंट गेंदबाजी में नहीं, बल्कि जिम सेशन में होना चाहिए. उन्होंने कहा, 'लोग काम के बोझ के बारे में बहुत बात करते हैं कि उन्हें कम गेंदबाजी करनी चाहिए, लेकिन मेरी राय है कि जिम (सेशन) कम होना चाहिए.' उन्होंने मयंक को कहा, 'गति वास्तव में महत्वपूर्ण है, लेकिन उसके कौशल में सुधार होते रहना चाहिए. उसे एनसीए और बीसीसीआई के अन्य कोचों की मदद से खुद को और बेहतर करना होगा.'