35 साल पहले आज ही के दिन कराची के नेशनल स्टेडियम में एक ऐसा टेस्ट मैच खेला गया जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. 15 नवंबर 1989 को भारत और पाकिस्तान के बीच कराची के नेशनल स्टेडियम में एक यादगार टेस्ट मैच खेला गया. इस टेस्ट मैच के इतिहास में दर्ज होने का सबसे बड़ा कारण सचिन तेंदुलकर और वकार यूनुस का इंटरनेशनल डेब्यू था. सचिन तेंदुलकर ने 16 साल 205 दिन की उम्र में इसी मैच के जरिए अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज किया था. वहीं, पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वकार यूनुस ने 17 साल 364 दिन की उम्र में अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सचिन तेंदुलकर और वकार यूनिस ने साथ किया था टेस्ट डेब्यू


पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वकार यूनुस के लिए यह मैच यादगार रहा था. वकार यूनुस ने इस मैच में 4 विकेट लेकर तहलका मचा दिया था. वहीं, दूसरी तरफ सचिन तेंदुलकर के लिए यह मैच किसी भयानक सपने से कम नहीं रहा. सचिन तेंदुलकर को इस टेस्ट मैच में सिर्फ एक ही पारी खेलने को मिली थी. सचिन तेंदुलकर को 15 रन के निजी स्कोर पर वकार यूनुस ने अपना शिकार बनाया. सचिन तेंदुलकर को वकार यूनुस ने क्लीन बोल्ड किया था. सचिन तेंदुलकर ने भारत की पहली पारी में 24 गेंदों का सामना किया और 15 रन बनाए.


इतिहास में दर्ज हो गया ये मैच


सचिन तेंदुलकर ने इस मैच से निराश होकर क्रिकेट छोड़ने के बारे में सोचा था. सचिन तेंदुलकर ने एक बार 'ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस' शो में एक इंटरव्यू के दौरान बड़ा खुलासा करते हुए कहा था कि 'उस वक्त मैंने सोचा कि कराची में मेरे जीवन की पहली टेस्ट पारी शायद आखिरी पारी होगी. आपको बता दें कि उस समय इंटरनेशनल क्रिकेट के कदम रखने वाले 16 साल के सचिन के सामने दुनिया का सबसे खतरनाक बॉलिंग अटैक था.


क्रिकेट छोड़ना चाहते थे सचिन


सचिन तेंदुलकर ने कहा था, 'अपने पहले मैच में मुझे कुछ पता नहीं लग रहा था कि क्या हो रहा है. एक तरफ से वकार यूनुस बॉलिंग कर रहे थे तो दूसरी तरफ से वसीम अकरम. मुझे कुछ पता नहीं था और वे दोनों गेंद को रिवर्स स्विंग भी करा रहे थे. ऐसे अटैक के सामने मेरे पास कोई प्लान नहीं था. जब मैं ड्रेसिंग रूम में आया तो मेरे दिमाग में चल रहा था कि ये मेरे बस की बात नहीं है. मैंने ड्रेसिंग रूम में अपने साथी खिलाड़ियों से बात की.'


साथी खिलाड़ियों ने समझाया


सचिन ने कहा, 'साथी खिलाड़ियों ने मुझे बताया कि मुझे विकेट पर समय बिताना होगा और संयम से काम लेना होगा, यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट है. आप दुनिया के सबसे बेस्ट बॉलिंग अटैक के सामने खेल रहे हो.साथी खिलाड़ियों ने मुझे बताया कि आप यह मत सोचो मुझे पहली ही गेंद से शॉट मारना शुरू कर देना है. आपको विपक्षी टीम के गेंदबाजों को सम्मान देना होगा.'


डेब्यू में सचिन ने सिर्फ 15 रन बनाए थे


अपने पहले टेस्ट में सचिन ने सिर्फ 15 रन बनाए थे, लेकिन साथियों द्वारा दी गई सलाह के बाद सचिन ने फैसलाबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में जोरदार वापसी की. सचिन ने कहा, 'कराची के बाद फैसलाबाद टेस्ट की पहली पारी में मैंने 59 रन बनाए थे. इसके बाद जब मैं ड्रेसिंग रूम में वापस आया तो मैंने खुद से कहा, तूने कर दिखाया और तू कर सकता है.'