Rhino Death: दिल्ली के चिड़ियाघर में धर्मेंद्र की मौत, सिर्फ 11 साल का था
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Rhino Death: दिल्ली के चिड़ियाघर में धर्मेंद्र की मौत, सिर्फ 11 साल का था

Delhi News: दिल्ली चिड़ियाघर में धर्मेंद्र नामक 11 वर्षीय नर गैंडे की अप्रत्याशित रूप से मौत हो गई, जिससे अधिकारी हैरान हैं, क्योंकि वह स्वस्थ दिखाई दे रहा था. पोस्टमार्टम से कारण का पता चलेगा, जबकि जांच के लिए बरेली से पशु चिकित्सा टीम को बुलाया गया है. यह घटना हाल ही में एक सफेद बाघ शावक की मौत के बाद हुई है.

Rhino Death: दिल्ली के चिड़ियाघर में धर्मेंद्र की मौत, सिर्फ 11 साल का था

Delhi Zoo Rhino Death: राष्ट्रीय प्राणि उद्यान, जिसे अनौपचारिक रूप से दिल्ली चिड़ियाघर के नाम से जाना जाता है, इसमें एक दुखद घटना घटी है. चिड़ियाघर के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि 11 वर्षीय नर गैंडे की मृत्यु हो गई है. इस गैंडे का नाम धर्मेंद्र था और यह घटना सुबह-सुबह हुई जब यह अपने बाड़े में गिर गया.

गैंडे का स्वास्थ्य और अचानक मृत्यु
चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार ने कहा कि गैंडा स्वस्थ था, इसलिए उसकी अचानक मृत्यु सभी के लिए एक झटका है. गैंडे को जल्दी ही पशु चिकित्सालय ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. कुमार ने कहा, "असली कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा.

पोस्टमार्टम और जांच की प्रक्रिया
इस घटना के बाद, चिड़ियाघर के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) से एक विशेषज्ञ टीम को बुलाया है. कुमार ने कहा कि यह बिना किसी बीमारी के अप्राकृतिक मौत है, इसलिए सभी संभावित कारणों पर विचार किया जा रहा है. 

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हालिया घटनाओं का संदर्भ
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब चिड़ियाघर में कुछ दिन पहले ही एक नौ महीने के सफेद बाघ शावक की मृत्यु हुई थी. उस शावक की मृत्यु आघातकारी सदमे और तीव्र निमोनिया के कारण हुई थी. यह घटनाएं दर्शाती हैं कि चिड़ियाघर में जानवरों की देखभाल और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

चिड़ियाघर की जीव विविधता
दिल्ली चिड़ियाघर में 1,000 से ज़्यादा पक्षी और जानवर हैं, जिनमें तेंदुआ, शेर, भेड़िया, एशियाई हाथी और चिंकारा जैसे बड़े स्तनधारी शामिल हैं यहां कुल 96 से ज्यादा अलग-अलग जानवरों की प्रजातियां हैं, जिनमें सफेद बाघ सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से एक है.

धर्मेंद्र का चिड़ियाघर में आगमन
धर्मेंद्र गैंडे को सितंबर 2024 में असम से दिल्ली चिड़ियाघर लाया गया था. यह गैंडा एक नर रॉयल बंगाल टाइगर और एक जोड़ी पाइड हॉर्नबिल के साथ गुवाहाटी स्थित असम चिड़ियाघर से आदान-प्रदान के तहत लाया गया था. इस आदान-प्रदान के तहत दिल्ली चिड़ियाघर ने एक मादा बाघ, एक काला हिरण, एक सफेद हिरण और एक जोड़ी नीले और पीले रंग का मैकॉ भेजा था. 

गैंडे की प्रजनन की उम्मीदें
धर्मेंद्र को इस उम्मीद में लाया गया था कि वह चिड़ियाघर में मौजूद मादा गैंडे के साथ संभोग करेगा और संतान पैदा करेगा. हालांकि, कुमार ने कहा कि नर और मादा गैंडे के बीच लड़ाई के कोई संकेत नहीं मिले हैं.

मादा गैंडे की स्थिति
मादा गैंडे में फिलहाल बीमारी के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, लेकिन उसे निगरानी में रखा गया है. चिड़ियाघर के अधिकारी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उसकी स्वास्थ्य स्थिति ठीक रहे.

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