Vinod Kambli: महान कोच रमाकांत आचरेकर की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान विनोद कांबली से जब सचिन तेंदुलकर मिले तो उन्होंने मास्टर-ब्लास्टर का हाथ कुछ ऐसे पकड़ा, जैसे बचपन के बिछड़े यार मिल रहे हों. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ. वीडियो को देखकर हर किसी का दिल भर आया. पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने कांबली की हालत देखी तो मदद के लिए तुरंत आगे आए. अब महान भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने वादा किया है कि कांबली फिर से पैरों पर खड़े होंगे. उनकी टेक केयर भारत की पहली वर्ल्ड कप विजेता 1983 टीम करेगी.


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कई स्वास्थ्य समस्यायों से जूझ रहे कांबली


भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे कम उम्र में दोहरा शतक ठोकने वाले विनोद कांबली शारीरिक और मानसिक समस्यायों से जूझ रहे हैं. बीते समय में उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिससे इस बात की पुष्टि हुई कि यह पूर्व क्रिकेटर पूरी तरह से फिट नहीं है. हाल ही में कांबली को सचिन तेंदुलकर का हाथ पकड़े हुए देखा गया. पहले एक और वीडियो वायरल हुए था, जिसमें कांबली एक मशहूर बॉलीवुड गाना गाते हुए दिखाई दिए. उनका एक और वीडियो काफी वायरल हुआ था, जिसमें वह खड़े होने और चलने में भी असमर्थ नजर आ रहे थे.





गावस्कर ने किया वादा


कांबली जैसे खिलाड़ियों को अपना 'बेटा' बताते हुए गावस्कर ने कहा कि 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य कांबली की देखभाल के लिए एक साथ आएंगे. स्पोर्ट्स टुडे से बाचतीत में इस महान बल्लेबाज ने कहा, '1983 की टीम युवा खिलाड़ियों को लेकर बहुत सचेत है. मेरे लिए, वे पोते की तरह हैं. अगर आप उनकी उम्र देखें, तो कुछ बेटे की तरह हैं. वे सभी बहुत चिंतित हैं, खासकर जब किस्मत उनका साथ छोड़ देती है. मुझे मदद शब्द पसंद नहीं है. 83 की टीम जो करना चाहती है, वह उनका ख्याल रखना है. हम विनोद कांबली का ख्याल रखना चाहते हैं और उन्हें अपने पैरों पर वापस खड़ा होने में मदद करना चाहते हैं.' हम कैसे करेंगे, यह हम भविष्य में देखेंगे. हम उन क्रिकेटरों का ख्याल रखना चाहते हैं जो किस्मत के साथ संघर्ष कर रहे हैं.'


कपिल देव ने आर्थिक मदद के लिए बढ़ाया हाथ


गावस्कर का यह बयान भारत के पूर्व तेज गेंदबाज बलविंदर सिंह द्वारा यह खुलासा किए जाने के कुछ दिन बाद आया है कि कपिल देव ने कांबली के स्वास्थ्य के बारे में उनसे संपर्क किया था और मदद का वादा किया था. संधू ने कहा था, 'कपिल (देव, 1983 टीम के कप्तान) ने मुझे साफ तौर पर बताया है कि अगर वह रिहैब जाना चाहते हैं, तो हम उनकी आर्थिक मदद करने को तैयार हैं. हालांकि, उन्हें पहले खुद रिहैब जाना होगा. अगर वह ऐसा करते हैं, तो ही हम बिल चुकाने के लिए तैयार हैं. भले ही इलाज कितने भी लंबे समय तक चले.'