नई दिल्ली: क्रिकेट के 'भगवान' सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने 15 नवंबर 1989 को कराची में पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू मैच खेला था. उस समय सचिन की उम्र महज 16 साल थी. हालांकि, क्रिकेट जगत में सचिन तेंदुलकर स्कूली समय में ही नाम कमा चुके थे. यही वजह थी कि उन्हें इतनी जल्दी नेशनल टीम में खेलने का मौका मिला. उस समय पाकिस्तानी टीम में खतरनाक इमरान खान, वसीम अकरम और वकार यूनुस जैसी पेस बैटरी थी. 


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वसीम अकरम से हुआ सचिन का सामना


एक न्यूज चैनल के क्रिकेट टॉक शो में वसीम अकरम ने बताया था कि सचिन तेंदुलकर से उनका पहली बार सामना कैसे हुआ. क्रिकेट जगत में बेशक सचिन तेंदुलकर और वसीम अकरम एक-दूसरे का बेहद सम्मान करते हैं, लेकिन पहली ही मुलाकात में वसीम अकरम ने सचिन तेंदुलकर की मैच के दौरान स्लेजिंग की थी. 


'क्या मम्मी की परमिशन लेकर आए हो?'


दरअसल, सचिन तेंदुलकर से पहली बार मिलने पर वसीम अकरम को लगा कि यह लड़का तो 14 साल का लग रहा है. वसीम अकरम ने बताया, 'हमने सचिन के बारे में पढ़ा था कि क्रिकेट की नई सनसनी पाकिस्तान में आ रही है और उसकी उम्र केवल 16 साल है. जब वह बल्लेबाजी के लिए आए तो मुझे लगा कि यह तो केवल 14 साल का लग रहा है. तब मैंने उनसे कहा था, 'मम्मी से पूछ कर क्रिकेट खेलने आया है?' हालांकि एक महान बल्लेबाज के तौर पर आज वसीम अकरम सचिन का बहुत सम्मान करते हैं और उन्होंने  यह स्वीकार किया कि सचिन के आगे गेंदबाजी करना बिल्कुल भी आसान नहीं था. 


भयानक था सचिन का डेब्यू 


आपको बता दें कि सचिन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि 1989 में मैंने पाकिस्तान के खिलाफ अपने करियर की पहली टेस्ट पारी के बाद क्रिकेट छोड़ने के बारे में सोचा था. सचिन ने कहा था कि उस वक्त मैंने सोचा कि कराची में मेरे जीवन की पहली टेस्ट पारी शायद आखिरी पारी होगी.  एक तरफ से वकार यूनुस बॉलिंग कर रहे थे तो दूसरी तरफ से वसीम अकरम. मुझे कुछ पता नहीं था और वे दोनों गेंद को रिवर्स स्विंग भी करा रहे थे. ऐसे अटैक के सामने मेरे पास कोई प्लान नहीं था.