कोयंबटूर: पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने शुक्रवार को ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट का पक्ष लेते हुए कहा कि इसके बिना क्रिकेट का खेल चल नहीं सकता. गांगुली से क्रिकेटरों के बिना किसी विश्राम के विभिन्न फॉर्मेट में लगातार खेलने के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, ‘‘ट्वेंटी-20 क्रिकेट के लिए बहुत जरूरी है. टी-20 के बिना क्रिकेट चल नहीं सकता.’’ दक्षिण अफ्रीका में भारतीय टीम के प्रदर्शन के बारे में गांगुली ने कहा कि उनके लिए यह अब तक अच्छा दौरा रहा है और उन्होंने वनडे सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि वे शनिवार का मैच (टी-20) भी जीतने में सफल रहेंगे.’’ चयन नीति के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि यह पहले भी पारदर्शी थी और अब भी वैसी ही है तथा कई युवा भारतीय खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. एक कार्यक्रम के सिलसिले में यहां पहुंचे गांगुली ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमारी टीम में मनीष पांडे, हार्दिक पंड्या और अन्य युवा खिलाड़ी हैं. हमें उन्हें वीरेंद्र सहवाग और हरभजन सिंह जैसा बनने के लिए समय देना होगा.’’


पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘धोनी वनडे और टी-20 मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. उन्होंने जो योगदान दिया है आपको उसका सम्मान करना चाहिए और अन्य को भी चमकने का मौका मिलेगा.’’  भारतीय क्रिकेटरों की फिटनेस को अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के समान बताने वाले गांगुली ने महिला टीम की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय महिला क्रिकेट बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है. क्या आपने हरमनप्रीत कौर से लंबा छक्का लगाते हुए किसी को देखा है. हालांकि पुरुष टीम बेहतर है.’’ 


समय की कमी के कारण लोढा सिफारिश लागू नहीं की गई
बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) अध्यक्ष सौरव गांगुली और सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के अध्यक्ष मधुकर वोरा ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर राज्य संघों के संविधान में संशोधन में और लोढ़ा समिति की सभी सिफारिशें लागू करने में कुछ व्यावहारिक मुश्किलों के बारे में जानकारी दी. बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी ने हाल में सभी राज्य संघों को ईमेल भेजकर संविधान में बदलाव की जानकारी मांगी थी और सूचित किया कि 13 इकाईयों ने पालन करने का और इस संबंध में हलफनामा पेश करने का फैसला किया है.


इसके अनुसार गांगुली ने बीसीसीआई को लिखे पत्र में लिखा, ‘‘मैं यह बताना चाहता हूं कि कुछ महीने पहले ही कैब की विशेष आम बैठक में सदस्यों के बीच इस बात को लेकर सहमति बनी कि बीसीसीआई के फैसले के संबंध में हलफनामे उच्चतम न्ययायाय को संबोधित करते हुए दायर किये जायेंगे जिसमें राज्य और बीसीसीआई स्तर पर लागू करने की समस्याओं को बताया जाएगा.’’ उन्होंने लिखा, ‘‘विशेष आम बैठक में सदस्यों ने एक फैसला किया और आपने जो मुद्दे मेल में लिखे हैं, उन पर गौर करने के लिये एक और विशेष आम बैठक करनी होगी.’’