World Cup 2023 के बाद कोच राहुल द्रविड़ पर गिर सकती है गाज? सामने आई ये बड़ी खबर
Rahul Dravid News: राहुल द्रविड़ का टीम इंडिया के साथ कॉन्ट्रैक्ट वर्ल्ड कप 2023 के बाद खत्म हो जाएगा. अगर भारत वर्ल्ड कप 2023 जीतने में सफल रहता है तो यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल द्रविड़ को आगे भी इस पद पर बनाए रखा जाएगा या नहीं.
Rahul Dravid Future: हेड कोच राहुल द्रविड़ का टीम इंडिया के साथ कॉन्ट्रैक्ट वर्ल्ड कप 2023 के बाद खत्म हो जाएगा. अगर भारत वर्ल्ड कप 2023 जीतने में सफल रहता है तो यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल द्रविड़ को आगे भी इस पद पर बनाए रखा जाएगा या नहीं. भारत अगर खिताबी मुकाबले में नहीं पहुंच पाता है तो इसकी गाज द्रविड़ पर गिर सकती है क्योंकि टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने को बड़ी उपलब्धि नहीं माना जाएगा.
राहुल द्रविड़ पर गिर सकती है गाज?
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ऐसे में नए कोच की तलाश कर सकता है. यह देखना भी दिलचस्प है कि अगर बीसीसीआई द्रविड़ के सामने नया अनुबंध पेश करता है तो क्या वह इसके इच्छुक होंगे या नहीं. क्रिकेट पंडितों का मानना है कि अगर द्रविड़ कोच पद पर बने रहने के इच्छुक होते हैं तो उन्हें दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए इस पद पर बनाए रखना चाहिए. वर्ल्ड कप के अगले चक्र से पहले टेस्ट और सीमित ओवरों के प्रारूपों के लिए अलग-अलग कोच रखने में कोई बुराई नहीं है जैसा कि अभी इंग्लैंड कर रहा है.
सामने आई ये बड़ी खबर
द्रविड़ की जगह कोच पद के लिए आशीष नेहरा अच्छी पसंद हो सकते हैं, क्योंकि आईपीएल में वह काफी सफल रहे हैं लेकिन इस पूर्व तेज गेंदबाज के करीबियों के अनुसार उनकी राष्ट्रीय टीम का कोच बनने में दिलचस्पी नहीं है क्योंकि गुजरात टाइटंस के साथ उनका अनुबंध 2025 के सत्र तक है. बीसीसीआई के पूर्व पदाधिकारी ने कहा, ‘अगर भारत वर्ल्ड कप जीत जाता है तो द्रविड़ हो सकता है एक बड़े खिताब के साथ अपने कार्यकाल का अंत करना पसंद करें, लेकिन अगर आप मुझसे पूछ रहे हो तो मेरा मानना है कि वर्ल्ड कप के बाद बीसीसीआई को सभी प्रारूपों के लिए अलग-अलग कोच रखने चाहिए. उन्हें द्रविड़ को टेस्ट टीम का कोच बने रहने के लिए कहना चाहिए.’
द्रविड़ को शास्त्री की जगह कोच बनाया गया था
द्रविड़ को रवि शास्त्री की जगह मुख्य कोच नियुक्त किया गया था, लेकिन वह सीमित ओवरों की क्रिकेट में ऐसी कोई खास छाप नहीं छोड़ पाए जिससे कि यह कहा जा सके कि वह चतुर रणनीतिकार हैं. ऐसी स्थिति में बीसीसीआई अलग प्रारूपों के लिए अलग-अलग कोच रखने के विकल्प पर विचार कर सकता है.
(इनपुट - पीटीआई)