नई दिल्ली : एक ही खेल में शोहरत के दो पहलू भी हो सकते हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं क्रिकेट की. कोई यकीन नहीं करेगा कि क्रिकेट से जुड़ा कोई शख्स इतना मजबूर हो सकता है कि उसे अपना जीवन यापन करने के लिए नौकरी खोजनी पड़ रही है. लेकिन अभी उसके पास नौकरी नहीं है. यह शख्स क्रिकेट वर्ल्डकप जीत चुकी टीम इंडिया का सदस्य रह चुका है. हम बात कर रहे हैं भारत को दो बार नेत्रहीनों का विश्वकप जिताने वाले शेखर नायक की. शेखर इस समय बेरोजगार हैं.


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शेखर ने टीम इंडिया को मजबूत बनाया. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत को इस श्रेणी में दो बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले शेखर नायक इस समय बेरोजगार हैं. देश के लिए 13 साल तक खेलने वाले शेखर के पास इस समय एक नौकरी भी नहीं है.


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कर्नाटक के शिमोगा में हुआ जन्म
कर्नाटक के शिमोगा जिले में शेखर का जन्म हुआ. जन्म के समय से ही उनकी आंखों में रोशनी नहीं थी. शेखर ने यहां के शारदा देवी स्कूल फॉर ब्लाइंड में पहली बार क्रिकेट सीखा. फिर वह राष्ट्रीय टीम के लिए चुने गए. 2002 से लेकर 2015 तक वह टीम इंडिया का हिस्सा रहे. 5 साल तक उन्होंने टीम के लिए कप्तान भी की. वह 2010 से लेकर 2015 तक टीम के कप्तान रहे.


पहली बार टीम को बनाया विश्व चैंपियन
उनकी अगुआई में भारत ने पहली बार बेंगलुरु में टी-20 विश्व कप और 2015 में केपटाउन में क्रिकेट विश्व कप जीता था. 30 की उम्र पार करते ही वह टीम से बाहर हो गए. शेखर का कहना है कि, ”जब लोग मेरी तारीफ करते हैं तो मैं खुश हो जाता हूं. लेकिन पत्नी और दो बेटियों के लिए चिंतित भी हो जाता हूं. मैंने सांसदों और विधायकों से नौकरी देने की गुजारिश की है. उन्होंने मुझे आश्वासन भी दिया है, लेकिन फिर भी मैं बेरोजगार हूं.