नई दिल्ली: टीम इंडिया के स्पिन गेंदबाज कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) फिलहाल बहुत ही खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं. पिछले कुछ समय से उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है और उन्होंने जमकर रन खाने के साथ-साथ विकेट चटकाना भी बंद कर दिया है. आईपीएल (IPL) में भी उनकी टीम उनपर भरोसा नहीं कर पा रही हैं और वो लगातार बेंच पर ही बैठे रहते हैं. लेकिन सवाल इस बात पर आकर खड़ा होता है कि कुलदीप के करियर को ऐसा हुआ क्या कि वो सीधा अर्श से फर्श पर आ गिरा. 


धोनी के ना होने का दिख रहा असर 


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एमएस धोनी (MS Dhoni) ने जब से क्रिकेट से संन्यास लिया है तब से कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) के आंकड़े बहुत ही बेकार रहे हैं. कुलदीप ने धोनी के रहते 47 मैच खेले थे. इस बीच उन्होंने 91 विकेट लिए थे. वहीं धोनी के रिटायर होने के बाद कुलदीप ने 16 मैच में सिर्फ 14 विकेट लिए हैं. धोनी के बाद से कुलदीप का जादू एकदम फीका दिखा है. अभी हाल ही में एक इंटरव्यू में भी कुलदीप ने खुलासा किया था कि उन्हें गेंदबाजी करते वक्त महेंद्र सिंह धोनी की कमी खलती है. 


अपनी आईपीएल टीम से लगातार बाहर रहना 


कुलदीप (Kuldeep Yadav) के खराब प्रदर्शन का एक बहुत बड़ा कारण ये भी रहा है कि उनकी आईपीएल टीम को भी अब उनपर ज्यादा भरोसा नहीं रहा है. उनकी टीम केकेआर (KKR) के 2021 में लगातार खराब प्रदर्शन के बाद भी कुलदीप को उन्होंने एक भी मैच में मौका नहीं दिया. इसके अलावा 2020 की बात करें तो कुलदीप को केकेआर ने 5 मैचों में चांस दिया था, लेकिन उन्होंने सिर्फ एक ही विकेट हासिल किया था. 


टीम मैनेजमेंट को भी नहीं है भरोसा 


कुलदीप (Kuldeep Yadav) के करियर को ग्रहण लगाने में एक बहुत बड़ा हाथ भारत की टीम मैनेजमेंट का भी रहा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि अभी हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गई टीम इंडिया के कई सीनियर खिलाड़ी चोटिल होकर बाहर हो गए थे, लेकिन फिर भी कुलदीप को एक भी मैच में जगह नहीं मिली और वो पूरी सीरीज में बेंच पर बैठे रहे. हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैचों में कुलदीप का प्रदर्शन कमाल का रहा था.