नई दिल्ली: क्रिकेट के खेल को पसंद करने वाला शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जो मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) के नाम से वाकिफ नहीं होगा. जैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बल्लेबाजी के रिकॉर्ड देखें तो ज्यादातर मौके पर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का नाम आता है, वहीं जब भी गेंदबाजी के कीर्तिमान की बात की जाती है तो आकंडों में मुरलीधरन का राज होता है. उन्होंने टेस्ट और वनडे में वो कारनामा किया है जिसे दोहरा पाना बेहद मुश्किल है. उन्होंने दोनों फॉर्मेट में सबसे ज्यादा विकेट लिए हैं.



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वनडे क्रिकेट में उन्होंने 534 विकेट लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है जो अब तक नहीं टूट पाया है, इससे पहले पाकिस्तान के वसीम अकरम के नाम 502 विकेट लेने का रिकॉर्ड था. अपने आखिरी टेस्ट में मुरली ने 800वां विकेट लेकर धमाल मचा दिया. ये वो रिकॉर्ड है जिसे दशकों तक तोड़ पाना मुश्किल है. क्योंकि कोई भी मौजूदा गेंदबाज मुरली के रिकॉर्ड के आसपास भी नहीं भटक पा रहा है. इस वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए किसी भी खिलाड़ी को बेहद लंबे वक्त तक के लिए और लगातार टेस्ट मैच खेलना पड़ेगा, जो कि बेहद मुश्किल है.



इसके अलावा मुरलीधरन ने सबसे ज्यादा, 67 बार टेस्ट की एक पारी में 5 विकेट लिया है. इतना ही नहीं वो 22 टेस्ट मैच में 10 या उससे ज्यादा विकेट लेने वाले एकलौते गेंदबाज हैं. भले ही मुरली के नाम इतने वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं, लेकिन उनके एक्शन को लेकर हमेशा विवाद रहा है. कई क्रिकेट एक्सपर्ट और अंपायर ने इस पर सवाल उठाए हैं, भारत के बिशन सिंह बेदी को भी मुरली के एक्शन में गड़बड़ी अंदेशा था, लेकिन फिर आईसीसी ने उन्हें हरी झंडी दे दी थी. मुरली ने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल के बाद अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था.