Umesh Yadav PC, IND vs AUS 3rd Test: भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के सामने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में केवल 76 रनों का लक्ष्य रखा है. हालांकि पिच को देखते हुए यह आसान नहीं कहा जा सकता. मुकाबले के पहले दिन इस पिच पर 14 विकेट गिरे जबकि गुरुवार को दूसरे दिन 16 बल्लेबाज आउट हुए. पिच से स्पिनरों को काफी टर्न मिल रहा है. टीम इंडिया के ही एक खिलाड़ी ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद अपनी राय रखी.


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प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही मानी गलती


मेजबान टीम के पेसर उमेश यादव को अब भी उम्मीद है कि भारत इंदौर टेस्ट में जीत हासिल कर सकता है. पिच पर टर्न और असमान उछाल ने बल्लेबाजों की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं. ऑफ स्पिनर नाथन लियोन ने दूसरे दिन दूसरी पारी में 8 विकेट चटकाए जिससे उनकी टीम भारत में यादगार जीत दर्ज करने के करीब है. इस बीच उमेश यादव ने दूसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखी. उन्होंने स्वीकार कर लिया कि टीम इंडिया ने पर्याप्त रन नहीं बनाए.


उमेश बोले- रन कम लेकिन मौका है


उमेश यादव ने माना कि उनकी टीम ने पर्याप्त रन नहीं बनाए लेकिन फिर भी टीम इंडिया के पास जीत का मौका रहेगा. ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को 197 रन पर समेटने में अहम भूमिका निभाने वाले उमेश ने 3 विकेट झटके. उमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है. हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे और स्टीक लाइन-लेंथ से गेंदबाजी करेंगे. यह आसान विकेट नहीं है, फिर चाहे बल्लेबाज हमारे हों या उनके. क्रीज से बाहर निकलकर शॉट खेलना आसान नहीं है. रन कम हैं लेकिन हम सटीक लाइन पर गेंदबाजी करेंगे और जितना अधिक हो सकते मुकाबले को आगे तक खींचेंगे.’


बल्लेबाजी से पहले नहीं मिला था कोई भी मैसेज


टीम इंडिया के इस पेसर ने कहा, ‘पिच पर मेरी योजना सीधे स्टंप पर गेंदबाजी करने और 1-2 विकेट हासिल करने की थी. मैंने अपने करियर में ज्यादातर क्रिकेट भारत में ही खेला है. इसलिए मेरी मानसिकता हमेशा विकेट चटकाने की होती है.’ बल्लेबाजी करते हुए उमेश यादव उपयोगी रन नहीं जोड़ पाए क्योंकि वह और मोहम्मद सिराज दोनों बड़े शॉट खेलने की कोशिश में आउट हो गए. उमेश ने कहा कि इस तरह की पिच पर लोअर ऑर्डर के बल्लेबाज के लिए डिफेंसिव होने के बजाय आक्रामक बल्लेबाजी करना होता है. उन्होंने कहा, ‘जब मैं बल्लेबाजी के लिए आया तो मुझे कोई मैसेज (आक्रामक बल्लेबाजी को लेकर) नहीं मिला था. मेरा काम इस मुश्किल विकेट पर रन बनाना था. यहां रन बनाना मुश्किल है. मुझे लगता है कि डिफेंस करके आउट होने से बेहतर है कि इस तरह के विकेट पर शॉट खेलो. अगर मैं 10 से 20 रन भी बनाता तो बढ़त 90 रन तक पहुंच जाती.’ (एजेंसी से इनपुट)


 


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