Unbreakable Cricket Record: क्रिकेट जगत में आज खिलाड़ियों की भरमार है. इंटरनेशनल क्रिकेट में कई ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्होंने बल्लेबाजों को पापड़ बेलने पर मजबूर किया. किसी भी फॉर्मेट में मेडन ओवर फेंकना गेंदबाजों को अलग कान्फिडेंस देता है. लेकिन अगर कोई कहे किसी गेंदबाज ने लगातार 21 मेडन ओवर फेंके, तो ऐसे रिकॉर्ड पर भरोसा करना किसी के लिए भी मुश्किल होगा. हम आपको बताने जा रहे हैं क्रिकेट इतिहास के सबसे कंजूस गेंदबाज के बारे में जिसके सामने बल्लेबाज रनों की भीख मांगते नजर आए थे. 


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कौन था वो गेंदबाज?


टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भारतीय क्रिकेटर रहे बापू नादकर्णी का नाम याद किया जाता है. उनके नाम यह अविश्वसनीय रिकॉर्ड दर्ज है. उन्होंने लगातार 121 गेंदो पर बल्लेबाजों को एक सिंगल रन के लिए तरसा दिया था. नादकर्णी का यह रिकॉर्ड पिछले 60 सालों से अमर है. साल 1964 में अंग्रेजों के सामने उन्होंने यह कारनामा कर चमत्कार कर दिया था.


फेंके थे 21 मेडन ओवर


साल 1964 में भारत का सामना इंग्लैंड से था. बापू एक लेफ्ट आर्म स्पिनर थे और उनके सामने इंग्लिश बल्लेबाज रनों की भीख मांगने पर मजबूर थे. उनके रिकॉर्ड का गवाह मद्रास (चेन्नई) के कॉरपोरेशन स्टेडियम बना. टेस्ट मैच में उन्होंने एक के बाद एक 121 गेंदें फेंकीं, जिन पर एक भी रन नहीं बना. बापू ने कुल 32 ओवर फेंके थे जिसमें 27 मेडन थे जबकि 21 लगातार मेडन. 32 ओवर के स्पेल में बापू ने महज 5 रन खर्च किए. 


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कैसा रहा करियर?


भारत के लिए बापू का करियर शानदार था. उन्होंने 47 टेस्ट खेले और 9165 गेंदे फेंकी, जिसमें 2559 रन ही खर्च किए. उनके नाम 88 विकेट दर्ज हैं. टेस्ट करियर में उनकी इकोनॉमी हैरान कर देने वाली रही. 1.67 रन प्रति ओवर उन्होंने खर्च किए. मजे की बात यह है कि बापू नेट्स में सिक्का रखकर बॉलिंग प्रैक्टिस करते थे, जिसके चलते उनकी एक्यूरेसी एकदम सटीक थी. 


बल्ले से भी कमाल थे बापू


सिर्फ गेंदबाजी में ही नहीं, बापू बैटिंग और फील्डिंग में भी एक पूर्ण क्रिकेट खिलाड़ी की तरह उभरे. साल 1963-64 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ कानपुर में नाबाद 122 रन की जबरदस्त पारी खेली थी. इस पारी की बदौलत उन्होंने भारतीय टीम को जीत दिलाई. आज भी उन्हें इस अटूट रिकॉर्ड के जरिए याद किया जाता है.