पटना में कर्नाटक और बिहार के बीच खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी के एलीट ग्रुप-C मैच के दौरान एक ऐसा नजारा देखने को मिला जिसने हर किसी को हैरान कर दिया. इस मैच के दौरान पिच को सुखाने के लिए गोबर के उपले जलाकर देसी जुगाड़ किया गया. सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो आग की तरह फैल गया. वीडियो वायरल होते ही फैंस ने सोशल मीडिया पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को ट्रोल करना शुरू कर दिया. कर्नाटक और बिहार के बीच इस रणजी ट्रॉफी मैच के दैरान बारिश हुई तो पिच सुखाने के लिए बिहार क्रिकेट बोर्ड के पास कोई अच्छा इंतजाम नहीं था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पिच सुखाने के लिए किया गया देसी जुगाड़


बता दें कि इस घटना के बाद बिहार के पटना का मोइन-उल-हक स्टेडियम सुर्खियों में है. वर्ल्ड क्रिकेट के सबसे अमीर बोर्ड BCCI को सोशल मीडिया पर फैंस ने आड़े हाथों लिया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की कुल संपत्ति करीब 295 मिलियन डॉलर (लगभग 24,59,51,82,500 रुपये) आंकी गई है. वहीं, बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है. दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड होने के बावजूद जब पटना के मोइन-उल-हक स्टेडियम में गोबर के उपले जलाकर पिच को सुखाया गया तो ये मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ गया.



Photo वायरल होते ही ट्रोल हुआ BCCI


पटना में कर्नाटक और बिहार के बीच खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी के एलीट ग्रुप-C मैच के दौरान बारिश हुई. जब बारिश के कारण पिच गीली हो गई, तो बिहार क्रिकेट बोर्ड के पास स्थिति को संभालने के लिए कोई सुविधा नहीं थी. इसके बजाय, स्टेडियम के कर्मचारियों ने पिच को सुखाने के लिए गाय के गोबर के उपलों का इस्तेमाल किया, यह तकनीक आधुनिक खेलों की तुलना में ग्रामीण भारतीय परिवेश में अधिक आम है. जैसे ही इस “जुगाड़” की तस्वीरें फैलीं, तो सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई, जिसमें कई लोगों ने बिहार के राज्य स्टेडियम के रखरखाव मानकों पर सवाल उठाए.


BCCI पर उठे सवाल


भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) जो दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है, अब बिहार के क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर में बुनियादी सुविधाओं की कमी के लिए आलोचना का सामना कर रहा है. प्रशंसक और आलोचक इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि बीसीसीआई खिलाड़ियों और कोचों पर खूब पैसा खर्च करता है, लेकिन कुछ राज्यों में स्टेडियम के रखरखाव में बहुत कम निवेश होता है. पिच सुखाने की व्यवस्था की तस्वीरें, जिसमें गोबर के उपले जलते हुए दिखाई दे रहे हैं, बीसीसीआई की राज्य क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठाती हैं.