Virat Kohli के टेस्ट करियर का सबसे बुरा फॉर्म, आंकड़े दे रहे हैं गवाही
टीम इंडिया (Team India) के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने आखिरी बार नवंबर 2019 में टेस्ट शतक जड़ा था जिसके बाद से 8 टेस्ट मैचों में उनका औसत 24.64 का है. इस दौरान उन्होंने महज 3 फिफ्टी लगाई.
नई दिल्ली: अगर हम ये कहें कि फिलहाल विराट कोहली (Virat Kohli) अपने करियर के सबसे शानदार फॉर्म से गुजर रहे हैं, तो शायद गलत नहीं होगा. भले ही एक कप्तान के तौर पर पिछले 2 सालों में वो बेहद कामयाब रहे हों, लेकिन उनका निजी प्रदर्शन चिंता का विषय बन गया है.
मानसिक लड़ाई लड़ रहे हैं कोहली?
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली आईसीसी डब्ल्यूटीसी के फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरी पारी में जिस तरह आउट हुए, उससे 2014 में उनके इंग्लैंड दौरे पर आउट होने की तुलना की जा रही है. लेकिन इस बार वह तकनीक के बजाए मानसिक रुप से जद्दोजहद कर रहे हैं.
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विराट के आउट होने के तरीके पर बहस
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन का मानना है कि दूसरी पारी में कोहली जिस तरह आउट हुए वो वैसा ही है जैसे वह 2014 में इंग्लैंड सीरीज के दौरान आउट हुए थे. कोहली ने हाल ही में टेस्ट में जिस तरह का प्रदर्शन किया है उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं. उन्होंने आखिरी बार नवंबर 2019 में टेस्ट शतक जड़ा था जिसके बाद से 8 टेस्ट मैचों में उनका औसत 24.64 का है. इस दौरान उन्होंने महज 3 फिफ्टी लगाई.
'सभी के करियर में आता है खराब दौर'
भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज, कोच और चयनकर्ता अंशुमान गायकवाड़ ने आईएएनएस से कहा, 'खराब वक्त सभी के करियर में आता है. ऐसा सुनील गावस्कर, मोहिंदर अमरनाथ और मेरे साथ भी हुआ है. मेरा 1969, 1970 और 1971 में अच्छा सीजन गया था लेकिन 1972 में रणजी ट्राफी में मैं पांच बार शून्य पर आउट हुआ.'
'भविष्य में बेहतर करेंगे कोहली'
एक अन्य पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता गगन खोडा ने भी कहा कि यह चिंता का विषय नहीं है. गगन ने आईएएनएस से कहा, 'सभी खिलाड़ी खराब फॉर्म से गुजरते हैं. 8 टेस्ट मैचों में शतक नहीं बनाना या औसत में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि कोहली जैसे बल्लेबाज आगे भी नाकाम रहेंगे. उन्होंने पिछले कई सालों में कई शतक और रन बनाए हैं. ऐसा समय आता है जब वो संघर्ष करते हैं और यह हर बल्लेबाज के साथ होता है.'
'तकनीकी कमजोरी नहीं'
गायकवाड़ ने कोहली में किसी भी तकनीकी कमजोरी को दोष देने से इनकार किया. उन्होंने कहा, 'आप जितना खेलेंगे उतना ही हिसाब आपके दिमाग में चलेगा. तकनीक दिमाग से चलती है. आपको लगता है कि यह काम करेगा लेकिन यह काम नहीं करता. क्रिकेट दिमाग का खेल है और यह ऐसा है कि आप कैसे अपने दिमाग को चलाते हैं.'
'क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं'
गायकवाड़ ने कहा कि कई बार खिलाड़ी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाते और कोहली के साथ ऐसा ही हुआ है. उन्होंने कहा, "कई बार आकलन गलत हो जाता है. हमने सोचा था कि भारत जीतेगा लेकिन उन्होंने क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया. व्यक्तियों के साथ भी ऐसा ही हो सकता है.'