VIDEO : जानिए, कब-कब हुआ स्टंप के `शिकारी` का शिकार
एमएस धोनी ने अब तक 80 टी-20 मैच खेले हैं और गुवाहाटी में यह पहला मौका था जब वह किसी टी-20 मैच में स्टंप आउट हुए हैं.
नई दिल्ली : क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में 165 स्टंप्स करने वाले पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को स्पिन के सामने दुनिया का सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर माना जाता है, लेकिन यह दिग्गज क्रिकेटर अपने आउट होने के तरीके पर अब खुद चकित दिखाई पड़ रहा है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी-20 में जिस तरह धोनी स्टंप आउट हुए उससे ऐसा लगा कि विकेट के पीछे शिकार करने वाले यह खिलाड़ी अब खुद शिकार हो रहा है. क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में धोनी पांच बार स्टंप आउट हुए हैं. कब आइये देखते हैं :
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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरा टी-20, गुवाहटी 2017:
बरासपाड़ा क्रिकेट स्टेडियम में टॉस हारने के बाद टीम इंडिया पहले बल्लेबाजी करने उतरी. लेकिन जेसन बेहरेनडॉर्फ ने बल्लेबाजी के शीर्ष क्रम को ध्वस्त कर दिया. 27 रन पर भारत के 4 महत्वपूर्ण विकेट गिर चुके थे. ऐसे में धोनी और केदार जाधव टीम को नैया पार लगाने का काम कर रहे थे. 10वें ओवर में झंपा गेंदबाजी करने आए. दायें हाथ के इस लेग स्पिनर ने धोनी को ललचाया और क्रीज से बाहर निकाल दिया. धोनी इस गेंद को पढ़ने में पूरी तरह असफल रहे. टिम पैन ने धोनी को स्टंप करने में कोई गलती नहीं की. इस मैच में भारत की पूरी टीम 118 रनों पर आउट हो गई और ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट से मैच जीत लिया. बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम, असम में 36 साल के धोनी टी-20 में पहली बार स्टंप आउट हुए. धोनी अपने टी-20 करियर में पहली बार स्टंप आउट हुए.
वेस्ट इंडीज के खिलाफ चौथा वन डे, चेन्नई 2011 वर्ल्ड कपः
यह 2011 के विश्व कप का अंतिम ग्रुप मैच था. भारत पहले ही अगले चरण में पहुंच चुका था. इस मैच में भारत को वेस्ट इंडीज का चेन्नई में सामना करना था. मुकाबला एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जा रहा था. युवराज सिंह की शानदार पारी की बदौलत मेजबान भारत अब तेजी से रने बनाने की राह पर था, जब धोनी क्रीज पर आए. धोनी ने सिंगल लेकर स्ट्राइक बदलने का काम किया. वह डेथ ओवरों में लंबे हिट लगाने के लिए खुद को तैयार कर रहे थे. लेकिन लेग स्पिनर देवेंद्र बिशु की एक फ्लाइटेड गेंद पर वह मात खा गए. और क्रीज से बाहर निकल आए. डेवन थॉमस ने गिल्लियां उड़ा दीं. हालांकि, भारत एक ऐसे स्कोर तक पहुंच चुका था जो वेस्ट इंडीज की पहुंच से बाहर था.
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दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, कानपुर टेस्ट 2008:
अहमदाबाद में पहला टेस्ट गंवाने के बाद टीम इंडिया कानपुर में दूसरे टेस्ट के लिए पहुंची थी. भारत के लिए यह टेस्ट जीतना बहुत जरूरी था. नियमित कप्तान अनिल कुंबले की अनुपस्थिति में धोनी के लिए यह उनका टेस्ट कप्तान के रूप में डेब्यू था. पहली पारी में दक्षिण अफ्रीका की टीम 265 रनों पर आउट हो गई थी. भारत भी मार्कल और डेल स्टेन की बदौलत 185 रनों पर 5 विकेट गंवा चुका था, जब धोनी क्रीज पर आए. जब धोनी 32 रन पर थे तो पॉल हैरिस गेंदबाजी के लिए आए. उनकी एक गेंद पर धोनी बीट हुए और मार्क बाउचर ने उन्हें स्टंप आउट कर दिया.
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बांग्लादेश के खिलाफ, ढाका 2010:
पहले टेस्ट में न खेलने के बाद इसमें धोनी वापसी कर रहे थे. दूसरा टेस्ट शेरे बांग्ला नेशनल स्टेडियम में खेला जा रहा था. बांग्लादेश की टीम पहली पारी में 233 रनों पर आउट हो गई थी. टीम इंडिया की तरफ से दोनों ओपनरों ने अर्धशतक और राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर ने शतक जमाए. उसके बाद धोनी क्रीज पर आए. आते ही धोनी ने आक्रामक बल्लेबाजी शुरू कर दी. लगातार चौके आ रहे थे. जब धोनी शतक से महज 11रन दूर थे, रकीबुल गेंदबाजी करने आए. रकीबुल की एक टास्ड अप गेंद को मारने के चक्कर में धोनी स्टंप आउट हो गए.
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पाकिस्तान के खिलाफ, 2006 फैसलाबाद:
2006 में टीम इंडिया पाकिस्तान के दौरे पर थी. राहुल द्रविड़ टीम के कप्तान थे. इस दौरे पर शोएब अख्तर और मोहम्मद आसिफ की धूम पहले से ही मची हुई थी. पहला टेस्ट मैच ड्रॉ हुआ. दूसरा मैच फैसलाबाद में खेला जा रहा था. पाकिस्तान ने टॉस जीत कर बल्लेबाजी करते हुए विशाल स्कोर खड़ा कर दिया. धोनी ने इस मैच में शानदार बल्लेबाजी की. जब वह 148 रनों पर खेल रहे थे तो 24 वर्षीय दानिश कनेरिया गेंदबाजी करने आए. इस लेग स्पिनर ने धोनी का चकमा दिया और उन्हें क्रीज से बाहर आने के लिए बाध्य कर दिया. विकेट के पीछे खड़े कामरान अकमल ने उन्हें स्टंप आउट करने में कोई गलती नहीं की.