3 मैच में ही खत्म हो जाएगा करियर! बुमराह से भिड़ना पड़ा भारी, टीम से बाहर होते ही टूटा दिल
India vs Australia: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट के लिए नाथन मैकस्वीनी को टीम से बाहर किए जाने पर चिंता जताई है. 15 खिलाड़ियों की टीम की घोषणा के बाद से जॉर्ज बेली की अध्यक्षता वाली ऑस्ट्रेलियाई चयन समिति सवालों के घेरे में है.
India vs Australia: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट के लिए नाथन मैकस्वीनी को टीम से बाहर किए जाने पर चिंता जताई है. 15 खिलाड़ियों की टीम की घोषणा के बाद से जॉर्ज बेली की अध्यक्षता वाली ऑस्ट्रेलियाई चयन समिति सवालों के घेरे में है. मैकस्वीनी ने तीन टेस्ट में उस्मान ख्वाजा के साथ ओपनिंग की थी. उनकी जगह मेलबर्न में होने वाले बॉक्सिंग-डे मैच के लिए 19 वर्षीय सैम कोंस्टास को मौका दिया गया है.
क्लार्क ने दागे तीखे सवाल
25 वर्षीय मैकस्वीनी के इंटरनेशनल करियर की शुरुआत कुछ अच्छी नहीं रही है. वह 3 टेस्ट मैचों में 14.40 की औसत से सिर्फ 72 रन बना पाए हैं. क्लार्क ने मौजूदा बैच में युवाओं की कमी और अधिक उम्र की बात को सामने लाकर मैकस्वीनी का समर्थन किया. क्लार्क ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के हवाले से बियॉन्ड23 क्रिकेट पॉडकास्ट पर कहा, ''नाथन मैकस्वीनी को छोड़कर सभी की उम्र 30 वर्ष से अधिक है और वे 30 से ऊपर हैं. हम क्या करेंगे? एक युवा खिलाड़ी को दो या तीन मैच देना जारी रखेंगे, उसे बाहर करेंगे, किसी और को आजमाएंगे और इन पुराने खिलाड़ियों को रखेंगे?''
'चयनकर्ताओं ने गलत किया'
क्लार्क ने कहा, ''क्या होता अगर उस्मान ख्वाजा दो टेस्ट मैचों में रिटायर हो जाते हैं? क्या मैकस्वीनी फिर से टीम में शामिल होंगे या फिर कतार में सबसे पीछे चले जाएंगे? चयनकर्ताओं को सामने आकर कहना होगा- हमने उन्हें चुनकर गलती की. इससे नाथन मैकस्वीनी का करियर खत्म हो सकता है. उन्होंने उन्हें चुना और वह चुने जाने के हकदार थे. चाहे उन्होंने ओपनिंग पोजीशन में किसी को भी चुना हो, उन्हें मैकस्वीनी को सीरीज देनी ही थी. मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं ने यह गलत किया है.''
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मैकस्वीनी का टूटा दिल
मैकस्वीनी भी बाहर किए जाने के बाद बेहद निराश हैं. उन्होंने नेशनल टीम में अपनी जगह वापस पाने के लिए कड़ी मेहनत करने की कसम खाई है. मैकस्वीनी चैनल 7 से कहा, ''हां, मेरा मतलब है कि मैं निराश हूं, मेरा सपना सच हो गया और फिर मैं उस तरह से काम नहीं कर पाया जैसा मैं चाहता था. लेकिन यह सब इसका हिस्सा है और मैं अपना सिर नीचे करके नेट्स में वापस आऊंगा और वास्तव में कड़ी मेहनत करूंगा. उम्मीद है कि अगले अवसर के लिए तैयार रहूंगा.''
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अवसर का लाभ नहीं उठा पाया: मैकस्वीनी
25 वर्षीय खिलाड़ी ने पर्थ में सीरीज के पहले मैच में अपना टेस्ट डेब्यू किया. उन्होंने अपनी छह पारियों में 10, 0, 39, 10 नाबाद, 9 और 4 के स्कोर बनाए. उन्हें सीरीज के दौरान भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने चार बार आउट किया. मैकस्वीनी ने कहा, ''यह वह खेल है जिसमें हम हैं. यदि आप अवसर का लाभ नहीं उठाते हैं और आप उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं जितना आप करना चाहते हैं, तो आपकी स्थिति कभी भी सुरक्षित नहीं होती. इसलिए मैं बल्ले से कुछ बार चूक गया और दुर्भाग्य से मैं अपने अवसर का लाभ नहीं उठा पाया, लेकिन जैसा कि मैंने कहा, मैं यह सुनिश्चित करने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत करूंगा कि यदि अवसर फिर से आता है, तो मैं निश्चित रूप से तैयार हूं.''