Yashasvi Jaiswal: यशस्वी जायसवाल, 22 साल का वो खिलाड़ी जिसने महज सालभर में दुनियाभर के गेंदबाजों में अपनी दहशत फैला दी है. अब जायसवाल को टीम इंडिया के भविष्य के तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन इस मुकाम को हासिल करने के लिए उन्होंने सालों पापड़ बेले. जायसवाल की संघर्ष भरे सफर से भले ही आप वाकिफ हों, लेकिन उनके भाई तेजस्वी की एक अलग कहानी निकलकर आ रही है. तेजस्वी ने अपने छोटे भाई के लिए खुद के क्रिकेट की कुर्बानी दे दी, इसका खुलासा उन्होंने खुद किया है. 


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सुर्खियों में आए तेजस्वी जायसवाल


यशस्वी के भाई तेजस्वी जायसवाल हाल ही में सुर्खियों में आए. उन्होंने रणजी ट्रॉफी में शानदार अर्धशतकीय पारी को अंजाम दिया. यह उनके लिए खास पल था जब उन्होंने त्रिपुरा के लिए खेलते हुए अपनी पहली फिफ्टी ठोकी. यशस्वी ने भी इंस्टाग्राम पर स्टोरी लगाकर उन्हें इसकी बधाई दी थी. यशस्वी और तेजस्वी दोनों भाई क्रिकेट में बुलंदियों को छूने के लिए मुंबई आए थे. लेकिन घर की खराब आर्थिक स्थिति के चलते तेजस्वी ने क्रिकेट से दूर होने का फैसला किया और दिल्ली में सेल्समैन की जॉब की. जिसकी मदद से उन्होंने यशस्वी को सपोर्ट किया और बहनों की भी शादी की. 


क्या बोले तेजस्वी जायसवाल?


तेजस्वी जायसवाल ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, 'मैं भी क्रिकेट खेलना चाहता था, लेकिन हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति काफी नाजुक थी. यशस्वी अच्छा कर रहे थे, इसलिए 2013 के अंत तक मैं मुंबई और क्रिकेट छोड़कर दिल्ली चला गया था जहां एक रिश्तेदार की दुकान है.'


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तेजस्वी पर लगे थे गंभीर आरोप


तेजस्वी ने आगे बताया, 'मैंने हैरिस शील्ड में एक मैच खेला और सात विकेट लिए थे. लेकिन फिर कई लोगों ने मुझपर उम्र की सत्यापन की समस्या के आरोप लगाए. मुझे डेढ़ साल के लिए बेंच पर बैठा दिया गया. यशस्वी बहुत अच्छा कर रहे थे और मैं नहीं चाहता था कि मेरी वजह से उनके मौकों पर कोई असर पड़े. मुंबई हम दोनों के लिए काफी महंगा था. हमारे लिए दिन में दो बार का खाना भी काफी मुश्किल हो रहा था.'


रणजी में खेल रहे तेजस्वी


यशस्वी के सुपरस्टार बनने के बाद तेजस्वी ने एक बार फिर क्रिकेट में वापसी की. अब रणजी में त्रिपुरा की टीम के लिए एक ऑलराउंडर के तौर पर खेल रहे हैं. दूसरी ओर यशस्वी जायसवाल ने डेब्यू के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. अब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सभी की नजरें यशस्वी पर टिकी होंगी.