नई दिल्ली: सभी परेशानियों को पार कर अपने सपने को पूरा करने वाली भारत की दिग्गज महिला फुटबाल खिलाड़ी बेमबेम देवी उस समय काफी भावुक हो गईं, जब उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई. बेमबेम देवी ने कहा कि उनका यह पुरस्कार देश की उन सभी महिलाओं को समर्पित हैं, जो रोज अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सामाजिक परेशानियों का सामना करती हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बेमबेम देवी अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित होने वाली दूसरी महिला फुटबाल खिलाड़ी हैं. उनसे पहले इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली प्रथम महिला फुटबाल खिलाड़ी शांति मलिक रहीं. उन्हें 1983 में इस पुरस्कार से नवाजा गया था. 


पुरस्कार मिलने की घोषणा पर भावुक बेमबेम देवी ने कहा, "मेरी आंखों में आए आंसू खुशी के हैं. मेरे लिए यह सबसे खास पल है. मैं अपना यह पुरस्कार देश की हर उस महिला को समर्पित करती हूं, जो रोज अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सामाजिक परेशानियों का सामना करती हैं."


एक सफल कप्तान 
बेमबेम देवी ने इस पुरस्कार के लिए अखिल भारतीय फुटबाल संघ का शुक्रिया अदा किया. बांग्लादेश में बेमबेम देवी की कप्तानी में भारतीय महिला फुटबाल टीम ने 11वें दक्षिण एशियाई खेलों में खिताबी जीत हासिल की थी. इसके बाद 2010 और 2012 साफ महिला चैम्पियनशिप में भी भारतीय टीम विजयी रही थी. 


15 साल की उम्र में की थी अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत 
महिला फुटबाल खिलाड़ी बेमबेम देवी ने अपने करियर की शुरुआत 1988 में की थी. इसके बाद 1991 में उन्हें मणिपुर की अंडर-13 टीम के प्रतिनिधित्व के लिए शामिल किया गया था. इसके बाद बेमबेम देवी नियमित तौर पर मणिपुर की राष्ट्रीय फुटबाल टीम का हिस्सा बन गईं. उन्होंने 15 साल की उम्र में गुआम में हुए एशिया महिला चैम्पियनशिप में अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी. 1996 में आयोजित हुए एशियाई खेल उनके जीवन में नया मोड़ लेकर आए.