India Medals in Paris Paralympics : पेरिस पैरालंपिक में भारत को 2 और मेडल मिले हैं. भारतीय धावक सिमरन ने ब्रॉन्ज, जबकि नवदीप सिंह ने सिल्वर मेडल जीतकर भारत की मेडल संख्या को 29 पहुंचाया. नवदीप ने 47.32 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ पुरुषों की भाला फेंक (F 41) में सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया. सिमरन की बात करें तो इस दृष्टिबाधित भारतीय धावक ने महिलाओं की 200 मीटर (T12) इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता. भारतीय एथलीट्स पेरिस पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार मेडल दिला रहे हैं.


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नवदीप का सिल्वर पर कब्जा


नवदीप सिंह ने पुरुषों की रोमांचक भाला फेंक एफ41 स्पर्धा के फाइनल में दमदार प्रदर्शन के साथ सिल्वर मेडल हासिल किया. हरियाणा के 23 वर्षीय पैरा-एथलीट ने अपने दूसरे प्रयास में 46.39 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया, जिससे वह दूसरे स्थान पर पहुंच गए. लेकिन यह उनके तीसरा थ्रो ने स्टेडियम को रोमांचित कर दिया. 




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नवदीप ने तोड़ा पैरालंपिक रिकॉर्ड


नवदीप ने 47.32 मीटर के थ्रो के साथ पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़ दिया और बढ़त बना ली. हालांकि, ईरान के बेइत सयाह सादेघ ने अपने पांचवें प्रयास में 47.64 मीटर के थ्रो के साथ नवदीप के पैरालंपिक रिकॉर्ड को पीछे छोड़ नया रिकॉर्ड कायम करते हुए गोल्ड मेडल नाम किया. भारत के खाते में कुल 29 मेडल आ गए हैं, जिसमें 6 गोल्ड, 10 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज शामिल हैं.


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सिमरन के नाम ब्रॉन्ज


दृढ़ संकल्प के साथ सभी मुश्किलों का सामना करते हुए भारत की सिमरन ने महिलाओं की 200 मीटर टी12 फाइनल में ब्रॉन्ज मेडल जीता. मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन सिमरन 24.75 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ पोडियम पर तीसरे स्थान पर रहीं. पैरालंपिक में टी12 वर्गीकरण दृष्टिबाधित एथलीटों के लिए है. 24 वर्षीय सिमरन का जन्म समय से पहले हुआ था. उसने 10 सप्ताह इनक्यूबेटर में बिताए, जहां पता चला कि वह दृष्टिबाधित हैं. इस साल जापान के कोबे में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली भारतीय को अपने पूरे जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें उनके पिता की पुरानी बीमारी और निधन भी शामिल था. वह इससे पहले 100 मीटर स्पर्धा में चौथे स्थान पर रही थीं.