ऑस्ट्रेलिया में अपने प्रदर्शन की छाप छोड़ रहा है भारतीय फुटबॉलर प्रणव
प्रणव ऑस्ट्रेलिया में कोव एफसी, एडीलेड यूनिवर्सिटी साकर क्लब, एडीलेड एफसी और साउथ एडीलेड पैंथर्स एफसी क्लब के लिये 70 से अधिक मैच खेल चुके हैं.
नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया में जूनियर स्तर पर टीम पेशेवर फुटबॉलर खेलने वाले पहले भारतीय प्रणव कोटरा ने अपने प्रदर्शन की छाप छोड़ी है लेकिन उनका इरादा इंडियन सुपर लीग में पदार्पण करने का है. प्रणव पेशेवर फुटबॉलर खेलने के अपने सपनों को पंख देने 2016 में छात्र वीजा पर एडीलेड गए थे. उन्होंने वहां चार क्लबों में चयन के लिये आवेदन किया और सभी में उनका चयन हो गया. फिलहाल वह नार्दर्न डेमोंस एफसी एडीलेड के लिये ऑस्ट्रेलिया घरेलू लीग का दूसरा चरण खेल रहे हैं जो अगले महीने खत्म होगा.
प्रणव की प्रतिभा को शुरूआत में ही पहचानने वाले भारत के पूर्व फुटबॉलर अनादि बरूआ ने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया टीम में पेशेवर फुटबॉल खेलने वाला पहला भारतीय है. मैंने पहले ही दिन जान लिया था कि यह अच्छा फुटबॉलर बनेगा और उसकी मेहनत रंग ला रही है. छह फुट ढाई इंच कद वाला प्रणव ऑस्ट्रेलिया में कोव एफसी, एडीलेड यूनिवर्सिटी साकर क्लब, एडीलेड एफसी और साउथ एडीलेड पैंथर्स एफसी क्लब के लिये 70 से अधिक मैच खेल चुका है.
उसके पिता प्रदीप ने कहा, 10 साल की उम्र से उसका रूझान फुटबॉल की तरफ होने लगा था. उसने नोएडा में बरूआ सर की अकादमी के बाद कोलकाता में मोहन बागान जूनियर अकादमी में खेला, फिर सालगांवकर जूनियर क्लब के लिये भी खेला. इसके बाद हमने लंदन में उसे ब्रिटिश फुटबॉल जूनियर अकादमी भी भेजा.
उन्होंने कहा कि फुटबॉल के लिये उसका जुनून इतना है कि आस्ट्रेलिया जाते ही मैदान पर उसके पैर में गंभीर चोट लग गई थी और लग रहा था कि वह दोबारा खड़ा भी नहीं हो सकेगा. लेकिन तीन महीने अकेले अपने कुछ दोस्तों के सहारे उसने ऑपरेशन कराया और उसी क्लब के लिये मैदान पर लौटा.
कोटरा ने कहा कि वह सिर्फ फुटबॉलर खेलता ही नहीं है बल्कि वहां दस बरस से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग भी देता है. वहां कोचों ने उसे नागरिकता लेकर फुटबॉल में कैरियर बनाने की पेशकश भी की लेकिन उसका लक्ष्य भारत के लिये खेलना है.
उन्होंने कहा कि भारत में यह फुटबॉल के लिये अच्छा दौर है. उम्मीद है कि वह इंडियन सुपर लीग में पदार्पण कर सकेगा. कुछ टीमों से बात चल रही है और सकारात्मक जवाब भी मिले हैं. उसका लक्ष्य एक दिन देश के लिये खेलना है और इसके लिये वह कड़ी मेहनत कर रहा है.