भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में स्वच्छता अभियान चला रखा है. वे पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त करना चाहते हैं. स्वच्छता के सर्वेक्षण में तो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल देश में दूसरे स्थान पर रही थी, लेकिन आप को यह जानकर अचरज होगा कि भारतीय जूनियर हॉकी टीम की गोलकीपर खुशबू खान की झुग्गी का शौचालय तोड़ दिया गया है और पूरा परिवार खुले में शौच जाने को मजबूर है. देश की जूनियर हॉकी टीम की गोलकीपर खुशबू खान राजधानी के जहांगीराबाद इलाके में झुग्गी में अपने परिवार के साथ रहती हैं. वे इन दिनों बेहद तनाव के दौर से गुजर रही हैं. 


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खुशबू के शौचालय को तो पहले ही तोड़ा जा चुका था, अब झुग्गी को भी तोड़ने की धमकियां दी जा रही हैं. उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि पहले तो पूरा परिवार खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हुआ और अब इस ठंड में उन्हें खुले आसमान के नीचे जीवन जीने पर मजबूर होना पड़ेगा. 


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खुशबू ने कहा कि वह पशु चिकित्सालय के पास एक कमरे की झुग्गी में अपने परिवार के सात सदस्यों के साथ रहती हैं. जब वह हॉकी राष्ट्रीय शिविर (दिसंबर 2016 और जनवरी 2017) में थीं, तब उन्हें पता चला कि उनकी झुग्गी का शौचालय जनवरी 2017 में तोड़ दिया गया. आज तक उनकी झुग्गी में शौचालय नहीं है, लेकिन नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी हरीश गुप्ता ने इस तरह की घटना से अनभिज्ञता जाहिर की. 


उन्होंने कहा, "शौचालय क्यों तोड़ा गया, किसने तोड़ा इसकी जानकारी नगर निगम के पास नहीं है. लेकिन इस बारे में छानबीन की जाएगी और जल्द से जल्द समस्या का उचित समाधान किया जाएगा, क्योंकि यह एक खिलाड़ी का मामला है."


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खुशबू का कहना है कि वह अपनी समस्या से मुख्यमंत्री से लेकर जिलाधिकारी तक को अवगत करा चुकी हैं. उन्होंने तात्या टोपे नगर स्टेडियम के पास मकान आवंटित करने की मांग की है, मगर आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.


खुशबू बताती हैं कि उनके घर से स्टेडियम सात किलोमीटर से अधिक दूर है. उन्हें दो बार पैदल जाना पड़ता है. एक बार जिम के लिए और दूसरी बार हॉकी अभ्यास के लिए. इससे एक तरफ शारीरिक थकान तो दूसरी तरफ समय की बर्बादी होती है. वह चाहती हैं कि सरकार कोई भी छोटा-सा मकान स्टेडियम के पास उन्हें आवंटित कर दे, ताकि वे अपने खेल को और निखार सकें.


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खुशबू ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया है. खुशबू ने कहा, ''मैं उनसे सिफारिश करती हूं कि वे मेरे परिवार को सुविधा प्राप्त करवाएं.” 




खुशबू के पिता शब्बीर अंसारी पेशे से ऑटो चालक हैं. उसी के जरिए अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. उनका कहना है कि "बेटी को खिलाड़ी बनाने के लिए उसे हर संभव सहयोग किया, अब देखिए सरकार की ओर से क्या मिल रहा है, झुग्गी का शौचालय तक तोड़ दिया गया, बनाने का भरोसा दिलाया, लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ."


पूर्व ओलंपियन और हॉकी प्रशिक्षक अशोक ध्यानचंद का कहना है कि "खिलाड़ियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना होता है, यह सिर्फ मध्य प्रदेश में नहीं पूरे देश में है. जहां तक खुशबू की बात है तो उसे मैंने अपने व्यक्तिगत जोखिम पर लड़कों के साथ प्रशिक्षण दिया है."


क्षेत्रीय सांसद आलोक संजर का कहना है कि "मध्य प्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लगातार प्रयास कर रही है. जहां तक खुशबू का मामला है, इसे भी गंभीरता से लेकर हर संभव मदद की जाएगी."