प्योंगयांग (उत्तर कोरिया): उत्तरी कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने बुधवार को एक बयान में कहा कि दोनों देश 2032 ओलम्पिक खेलों की मेजबानी के लिए संयुक्त दावेदारी पेश करने के बारे में सोच रहे हैं. वेबसाइट 'ईएसपीएन' की रिपोर्ट के अनुसार, एक बड़े सम्मेलन में शामिल दोनों नेताओं ने इस दावेदारी के बारे में अधिक जानकारी का खुलासा नहीं किया. 


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अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) आगामी ओलम्पिक खेलों के आयोजन से सात साल पहले मेजबान शहरों की घोषणा नहीं कर सकती. ऐसे में दोनों कोरियाई देशों के पास संयुक्त दावेदारी पेश करने हेतु 2025 तक का समय है. 


उल्लेखनीय है कि जर्मनी ने पहले ही 2032 ओलम्पिक खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करने की घोषणा कर दी है. इसके अलावा, भारतीय ओलम्पिक समिति ने भी इन ओलम्पिक खेलों की मेजबानी में रुचि दिखाई है. 


इस महत्वाकांक्षी योजना से दोनों टीमों के बीच बेहतर राजनयिक संबंध की उम्मीद बंधी है, जिसके लिए मंच इस साल दक्षिण कोरिया में शीतकालीन ओलंपिक के दौरान तैयार हुआ था. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन के बीच प्योंगयांग शिखर सम्मेलन के संयुक्त बयान में इस विचार को जगह दी गई है. इसे हकीकत बनाने के लिए हालांकि लंबे समय से विभाजित इन दोनों मुल्कों के बीच अभूतपूर्व स्तर के सहयोग और आपसी विश्वास की जरूरत होगी.



बयान के अनुसार, ''दक्षिण और उत्तर कोरिया अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सर्किय रूप से संयुक्त प्रतिस्पर्धा के लिए राजी हो गए हैं जिसमें 2020 ओलंपिक भी शामिल है. इसके अलावा 2032 ओलंपिक खेलों की दक्षिण-उत्तर की संयुक्त मेजबानी की दावेदारी में भी सहयोग करेंगे.'' 


इसके अलावा कोई और जानकारी नहीं दी गई है. उत्तर कोरिया ने फरवरी में प्योंगचांग शीतकालीन ओलंपिक में हिस्सा लेने का फैसला किया था जिसके बाद इस साल दोनों देशों के संबंधों में सुधार आया है.