भारत के स्टार जवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने हाल ही में हुए पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है. हालांकि, उन्होंने बताया है कि इस दौरान उन्हें इनगुइनल हर्निया की काफी परेशानी हुई. इस बीमारी की वजह से उनके प्रदर्शन पर भी असर पड़ा.


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इनगुइनल हर्निया एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट के अंदरूनी हिस्से का कोई भी भाग जैसे आंत या ओमेंटम पेट की दीवार में एक कमजोर जगह से बाहर निकल आता है. यह आमतौर पर कमर के आसपास होता है.


खिलाड़ियों में होता है ज्यादा
बेंगलुरु स्थित नारायणा हेल्थ सिटी के कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, जीआई ऑन्को और रोबोटिक सर्जन डॉ. सुश्रुत शेट्टी ने बताया कि एथलीट्स में इस तरह की समस्या आम होती है क्योंकि खेलों में काफी फिजिकल एक्टिविटी होती है, जिससे पेट पर दबाव पड़ता है. यह बीमारी होने पर मरीज को दर्द, असहजता या कमर के आसपास सूजन महसूस हो सकती है. ये समस्या खासकर तनाव, खांसी या व्यायाम करने पर बढ़ जाती है.


पुरुषों में ज्यादा होती है ये बीमारी
मनीपाल हॉस्पिटल द्वारका के चेयरमैन डॉ. संदीप अग्रवाल ने बताया कि इनगुइनल हर्निया पेट की दीवार में मौजूद कमजोर जगहों के खिंचाव की वजह से होता है. पुरुषों में ये समस्या ज्यादा होती है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ कब्ज, खांसी या पेशाब करते समय ज्यादा दबाव डालने से भी ये समस्या हो सकती है.


कैसे होता है इलाज?
इनगुइनल हर्निया का इलाज सर्जरी के जरिए से किया जाता है. आजकल लेप्रोस्कोपी या रोबोटिक सर्जरी के जरिए इसका इलाज किया जाता है, जिससे रिकवरी का समय कम होता है और दर्द भी कम होता है. सर्जरी के बाद मरीज को रिहैबिलिटेशन की भी जरूरत होती है ताकि वह जल्दी से पहले जैसा हो सके. एथलीट्स के लिए तो ये और भी जरूरी हो जाता है ताकि वे दोबारा अपने खेल में वापसी कर सकें.


खिलाड़ियों के लिए चुनौती
खिलाड़ियों के लिए ये बीमारी बड़ी चुनौती बन सकती है. क्योंकि उन्हें अपने खेल पर ध्यान देने के साथ-साथ बीमारी से भी लड़ना पड़ता है. इसलिए जरूरी है कि खिलाड़ी अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखें और अगर कोई समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. नीरज चोपड़ा ने भी बताया है कि वह काफी समय से इस समस्या से परेशान हैं और इसका असर उनके खेल पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अब वह जल्द ही इसका इलाज करवाएंगे.