Birmingham Commonwealth Games: बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (Birmingham Commonwealth Games-2022) में भाग लेने जा रहे भारतीय खिलाड़ियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बात की और उनकी हौसले को बढ़ाया. उन्होंने खिलाड़ियों से बिना किसी तनाव के जमकर खेलने का आग्रह करते हुए कहा कि आजादी के 75वें वर्ष में श्रेष्ठ प्रदर्शन का तोहफा देश को देने के इरादे से खेलें. पीएम मोदी ने खिलाड़ियों से वर्चुअल बातचीत में उनके अनुभवों और जीवन को लेकर कई रोचक सवाल भी पूछे.


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स्टीपलचेस खिलाड़ी से किए ये सवाल


उन्होंने महाराष्ट्र के बीड जिले के स्टीपलचेस खिलाड़ी अविनाश साबले से कहा, ‘आप सेना में हैं और आपकी पोस्टिंग सियाचीन में हो चुकी है तो सियाचीन और स्टीपलचेस का कोई संबंध है क्या? नीरज चोपड़ा की तरह आपने वजन कैसे कम किया?’ इस पर साबले ने कहा, ‘सेना में बहुत कड़ी ट्रेनिंग होती है और उसमें बाधायें पार करना भी सिखाया जाता है. वहीं से नींव मजबूत हुई. चार साल सेना की ड्यूटी में बहुत कुछ सीखने को मिला. वजन कम करने में भी इसी ट्रेनिंग ने मदद की.’


साइकिलिस्ट डेविड बैकहम से कही ये बात


अंडमान निकोबार के साइकिलिस्ट डेविड बैकहम से पीएम मोदी ने पूछा, ‘आपका नाम तो एक बहुत बड़े फुटबॉलर के नाम पर है तो आपने फुटबॉल खेलने की कभी नहीं सोची. आपकी टीम में एक और खिलाड़ी का नाम फुटबॉल खिलाड़ी के नाम पर है तो आप दोनों फुटबॉल भी खेलते हो क्या.’ खेलो इंडिया खेल में स्वर्ण पदक जीत चुके बैकहम ने कहा, ‘अंडमान में फुटबॉल की उतनी सुविधाएं नही थी तो मैने साइकिलिंग में करियर बनाया. आपने मन की बात कार्यक्रम में मेरा जिक्र किया तो मुझे बहुत अच्छा लगा कि अंडमान जैसी जगह से निकलकर मैं राष्ट्रीय टीम में आया हूं.’ डेढ़ साल की उम्र में सुनामी में अपने पिता को खोने वाले बैकहम से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आपके साथ आपके परिवार को भी प्रणाम है जिसने इतनी विषमताओं में भी आपको प्रेरित किया.’


भारोत्तोलक अचिंत शिउले की सराहना की


उन्होंने पश्चिम बंगाल के भारोत्तोलक अचिंत शिउले की मां और भाई की भी सराहना करते हुए कहा, ‘एक खिलाड़ी के साथ पूरा परिवार तपस्या करता है और उनके जज्बे को प्रणाम है. मां को तो चिंता रहती ही होगी कि बेटा ऐसे खेल में है कि कहीं चोट वगैरह न लग जाए.’ सिनेमा के शौकीन अचिंत से उन्होंने कहा, ‘ट्रेनिंग में सिनेमा देखने का समय तो मिलता नहीं होगा तो क्या पदक लेकर आओगे तो फिल्में ही देखोगे.’


हॉकी टीमों को दी शुभकामनाएं


बैडमिंटन खिलाड़ी त्रिसा जॉली से उन्होंने गायत्री गोपीचंद से कोर्ट पर तालमेल और उसके बाहर गहरी दोस्ती के बारे में पूछा. गायत्री राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद की बेटी और त्रिसा की जोड़ीदार हैं. उन्होंने यह भी कहा, ‘आप दोनों खेलों के बाद किस तरह से सेलिब्रेट करेंगी. पी वी सिंधू तो ओलंपिक के बाद आइसक्रीम खाना चाहती थी.’ तोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य सलीमा टेटे से उन्होंने उनके संघर्षों और तोक्यो ओलंपिक के अनुभव के बारे में पूछा. उन्होंने भारतीय महिला और पुरूष हॉकी टीमों को शुभकामनाएं भी दी.


पैरा एथलीट शॉटपुट खिलाड़ी शर्मिला की कहानी सुन भावुक हुए PM


हरियाणा की पैरा एथलीट शॉटपुट खिलाड़ी शर्मिला की कहानी सुनकर प्रधानमंत्री मोदी भावुक भी हुए. बेहद गरीब परिवार में जन्मी शर्मिला का कम उम्र में ब्याह हो गया था और ससुराल में उन पर और उनकी दो बेटियों पर काफी अत्याचार हुए. इतने विषम हालात में शर्मिला ने 34 वर्ष की उम्र में खेल में पदार्पण किया और दो साल में स्वर्ण पदक भी जीता. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आपने साबित कर दिया कि जीत का जज्बा हो तो कोई चुनौती मुश्किल नहीं. आपकी बेटियां भी आपकी तरह खेलों में नाम रोशन करें. उन्हें मेरा आशीर्वाद है.’ शर्मिला की बड़ी बेटी भालाफेंक और छोटी टेबल टेनिस खेलती है.


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