नई दिल्ली : पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का क्रिकेट करियर कई वजहों से विवादास्पद रहा. झन्नाटेदार गेंदबाजी के साथ-साथ वे विकेट लेने के बाद स्पेशल तरीके से जश्न मनाने के लिए भी याद किए जाते हैं. रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर अख्तर सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक रह चुके हैं. उनकी गेंद की तेज रफ्तार से बड़े से बड़े बल्लेबाज कतराते थे. उनकी गेंद से कई बल्लेबाज भी चोटिल हो चुके हैं. हालांकि, अभी तक किसी को नहीं पता था कि आखिर शोएब अख्तर विकेट चटकाने के बाद हाथ फैलाकर क्यों दौड़ते थे. उनके जश्न मनाने के इस अंदाज के राज से पर्दा अभी तक नहीं उठा था, लेकिन हाल ही में खुद शोएब ने इसके पीछे की वजह का खुलासा किया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शोएब ने ट्वीट करके उन लम्हों को याद किया. शोएब अख्तर ने कहा कि वो ऐसा इसलिए करते थे क्योंकि वह एक फाइटर पायलट बनना चाहते थे. शोएब ने 9 अगस्त को ट्वीट करके लिखा, “And this F-16 was better thn All. Celebration after talking wicket bcoz I wanted to be a fighter pilot more I have endless love for jets..” (और ये F-16 (पाकिस्तान का फाइटर जेट) सबसे बेहतरीन था. विकेट लेने का बाद का सेलिब्रेशन. क्योंकि मुझे फाइटर पायलट बनना था और जेट से बेइंतेहां प्यार है.


2011 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके 41 वर्षीय शोएब ने ट्‍विटर पर लिखा, ‘F-16 अन्य सबसे बेहतर है. मैं फाइटर पायलट बनना चाहता था और जेट्‍स से प्यार के चलते मैं विकेट की खुशी इस तरह मनाता था.'


अख्तर ने कहा, जब मिराज और एफ-16 मेरे घर के उपर से उड़ान भरते थे तो इनकी आवाज मुझे दीवाना बना देती थी.



शोएब के इस ट्वीट पर कई यूजर्स ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. एक शख्स ने लिखा, “हम इस सेलिब्रेशन को याद करते हैं. कई सारे लोग इसे कॉपी करने की कोशिश करते हैं लेकिन ऑरिजनल तो ऑरिजनल ही होता है. पाकिस्तान की सेवा करने के लिए ढेर सारा प्यार.”



गौरतलब है कि अख्तर ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में पाक की तरफ से कुल 444 विकेट लिए. उनके द्वारा 2003 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ मैच में डाली गई 161.3 किमी प्रति घंटे (100.23 मी. प्रति घंटे) की रफ्तार वाली गेंद अभी तक अंतरराष्ट्रीय मैच में डाली गई सबसे तेज गेंद है.