Wrestling: रेसलिंग के ट्रायल में जमकर हुआ हंगामा, दो कैटेगरी में विनेश फोगाट ने शुरू नहीं होने दिए मुकाबले
Vinesh Phogat: विनेश ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और भाजपा सांसद के खिलाफ लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. वह 50 KG कैटेगरी के ट्रायल में प्रतिस्पर्धा करने के लिए साई (SAI) केंद्र में पहुंची थीं.
Wrestling: पटियाला में रेसलिंग ट्रायल के दौरान सोमवार को जमकर हंगामा हुआ. दिग्गज रेसलर विनेश फोगाट ने खूब बवाल काटा. उन्होंने दो कैटेगरी में मुकाबले शुरू ही नहीं होने दिए. विनेश ने वुमेंस 50 KG और 53 KG कैटेगरी में होने वाले ट्रायल मैच को रुकवा दिया. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उन्हें इस बात का आश्वासन दिया जाए कि ओलंपिक से पहले 53 KG कैटेगरी में ही आखिरी ट्रायल होगा.
बृजभूषण के खिलाफ लगाए थे गंभीर आरोप
विनेश ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और भाजपा सांसद के खिलाफ लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. वह 50 KG कैटेगरी के ट्रायल में प्रतिस्पर्धा करने के लिए साई (SAI) केंद्र में पहुंची थीं. विनेश विरोध से पहले 53 KG में उतरती थीं, लेकिन उन्होंने अपना वजन वर्ग कम कर दिया है क्योंकि अंतिम पंघाल पहले ही उस कैटेगरी में ओलंपिक कोटा हासिल कर चुकी हैं.
विनेश ने शुरू नहीं होने दिए मैच
विनेश ने मैच शुरू नहीं होने दिया और लिखित आश्वासन की मांग की. उन्होंने सोमवार को 50 KG और 53 KG दोनों ट्रायल में उतरने की अनुमति भी मांगी. इससे अजीब सी स्थिति पैदा हो गई. इसके बाद अधिकारियों ने काफी देर तक चर्चा की. 50 KG कैटेगरी में मुकाबला करने वाले रेसलर ने भी अधिकारियों के सामने अपनी शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने कहा, ''हम पिछले ढाई घंटे से इंतजार कर रहे हैं.''
चार रेसलर ओलंपिक खेलों से पहले ट्रायल में उतरेंगे
IOA का एड-हॉक पैनल पहले ही घोषणा कर चुका है कि 53 KG में भारत के प्रतिनिधि को चुनने के लिए फाइनल ट्रायल का आयोजन किया जाएगा। 53 KG में टॉप चार रेसलर ओलंपिक खेलों से पहले ट्रायल में उतरेंगे. इसमें विजेता को अंतिम पंघाल के साथ मैच खेलने के लिए कहा जाएगा. उस मुकाबले का विजेता भारत का प्रतिनिधित्व करेगा.
विनेश को किस बात का डर?
ट्रायल के दौरान मौजूद एक कोच ने पीटीआई से कहा, ''विनेश सरकार से आश्वासन चाहती हैं. शायद उन्हें डर है कि अगर WFI को नियंत्रण वापस मिल गया तो चयन नीति में बदला हो सकता है, लेकिन सरकार इस पर आश्वासन कैसे दे सकती है. सरकार चयन मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है. संभवत: वह अपना भविष्य सुरक्षित करना चाहती हैं. अगर वह आज 50 KG का ट्रायल हार जाती है तो वह यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वह 53 KG की रेस में बनी रहे. यदि वह आज 53 KG में टॉप-4 में रहती हैं, तो वह पेरिस गेम्स क्वालीफिकेशन में भाग ले सकती हैं.''