Vinesh Phogat : क्या विनेश फोगाट को मिलेगा सिल्वर मेडल? 3 घंटे की सुनवाई में क्या-क्या हुआ
ओलंपिक में अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ विनेश फोगाट की याचिका पर पेरिस में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) की सुनवाई तीन घंटे तक चली. सुनवाई के लिए वर्चुअल रूप से उपस्थित हुई भारतीय पहलवान ने अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट में दलीलें दीं.
Vinesh Phogat : ओलंपिक फाइनल से अयोग्य करार दिये जाने के खिलाफ भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की जिसकी सुनवाई पूरी हो गई है. भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने कहा कि उन्हें सकारात्मक समाधान की उम्मीद है. खेलों के दौरान विवाद समाधान के लिए विशेष रूप से स्थापित कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) के एडहॉक डिवीजन ने विनेश की अपील स्वीकार ली. हालांकि, अंतिम फैसला आना बाकी है, जिसपर पूरे भारत की निगाहें तिकी हैं.
विनेश ने की थी अपील
विनेश ने गोल्ड मेडलिस्ट सारा एन हिल्डेब्रांट के खिलाफ फाइनल की सुबह 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य ठहराकर बाहर किए जाने के खिलाफ अपील की थी. आईओए ने एक बयान में कहा, 'भारतीय ओलंपिक संघ को उम्मीद है कि पहलवान विनेश फोगाट द्वारा कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) के एडहॉक डिवीजन के सामने उनके वजन में विफलता के खिलाफ दायर आवेदन का सकारात्मक समाधान होगा.'
सिल्वर मेडल की है मांग
विनेश की जगह फाइनल में क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमान लोपेज उतरीं, जो सेमीफाइनल में उनसे हार गई थीं. भारतीय पहलवान ने अपनी अपील में लोपेज के साथ संयुक्त सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की है, क्योंकि मंगलवार को अपने मुकाबलों के दौरान उनका वजन निर्धारित सीमा के अंदर था.
कोई धोखाधड़ी नहीं की
विनेश के खेमे ने दलील दी कि पहलवान ने कोई धोखाधड़ी नहीं की है और उन्हें अयोग्य इसलिए ठहराया गया, क्योंकि महिलाओं की 50 किलोग्राम कुश्ती में गोल्ड मेडल के लिए हुए मैच के दिन वजन मापने के दौरान उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया था. सीनियर वकील हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया, जो पहले भी कई एथलीटों के लिए लड़ चुके हैं. उन्होंने सुनवाई के दौरान विनेश फोगट की ओर से अपना पक्ष रखा.
विनेश ने लिया रिटायरमेंट
पेरिस ओलंपिक से डिसक्वालिफाई किए जाने के बाद विनेश फोगाट ने रेसलिंग से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया. 29 साल की इस रेसलर ने लिखा, 'मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई, माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके, इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब. अलविदा कुश्ती 2001-2024. आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी माफी.'