VIDEO : पिता का हुआ था मर्डर, विनेश ने नहीं हारी हिम्मत और बन गईं देश की `गोल्डन गर्ल`
पहलवानी में देश की गोल्डन गर्ल बनने वाली विनेश की यहां तक पहुंचने की कहानी किसी संघर्ष कथा से कम नहीं है. पिछले ओलंपिक में चोट के कारण वह बिस्तर पर पहुंच गई थीं, उनकी चोट ने उनके आगे के भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिए थे, लेकिन विनेश ने अपने दांव से सबको चित कर दिया.
नई दिल्ली : एशियन गेम्स में भारत को दूसरा गोल्ड विनेश फोगाट ने दिलाया. इसके साथ ही वह देश की पहली महिला रेसलर बन गईं, जिसने एशियन गेम्स में गोल्ड जीता. देश में आज तक ये कारनामा कोई महिला पहलवान नहीं कर पाईं. फोगाट परिवार की इस लड़की की वक्त खूब परीक्षा ली, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी. पहलवानी में देश की गोल्डन गर्ल बनने वाली विनेश की यहां तक पहुंचने की कहानी किसी संघर्ष कथा से कम नहीं है. पिछले ओलंपिक में चोट के कारण वह बिस्तर पर पहुंच गई थीं, उनकी चोट ने उनके आगे के भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिए थे, लेकिन विनेश ने अपने दांव से सबको चित कर दिया.
विनेश महावीर फोगाट की भतीजी हैं. उनकी चचेरी बहने गीता और बबीता पहले ही पहलवानी की दुनिया में बड़ा नाम कमा चुकी हैं. गीता कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीत चुकी हैं. ऐसे में अब सबसे बड़ी जिम्मेदारी उन्हीं पर थी. विनेश को भी पहलवानी उनके चाचा महावीर फोगाट ने ही सिखाई है.
Asian Games 2018: विनेश फोगाट ने भारत को दूसरा गोल्ड दिलाया, बनाया खास रिकॉर्ड
विनेश के पिता राजपाल फोगाट की किसी पारिवारिक विवाद के कारण हत्या कर दी गई थी. ऐसे में उनकी देखभाल महावीर फोगाट ने ही की. रियो ओलंपिक में चोट लगने के बाद विनेश फोगाट काफी समय पर बिस्तर पर रहीं. पर इस उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. वह फिर से अखाड़े में उतरीं. एशियन गेम्स में नतीजा सबके सामने है.
कॉमनवेल्थ गेम्स में भी जीता था गोल्ड
विनेश फोगाट ने 21वें कॉमनवेलथ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था. ऑस्ट्रेलिया के गोल्डकोस्ट में हुए इन खेलों में विनेश ने 50 किलोग्राम की कैटेगरी में देश के लिए गोल्ड जीता. लेकिन एशियन गेम्स में उनके द्वारा जीता गया गोल्ड मेडल सबसे खास रहेगा.