Paris Olympics 2024: भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया. वहीं, मनु भाकर, सरबजोत सिंह, स्वप्निल कुसाले, अमन सहरावत और भारतीय हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. इन खिलाड़ियों को सरकार या बिजनेसमैन से कैश, उपहार और पुरस्कारों की बौछार होने वाली है. लगातार खिलाड़ियों को प्राइज मनी मिल रही है. ऐसे में यह समझना काफी जरूरी है कि खिलाड़ियों को रुपये प्राइज मनी के रूप में मिलेंगे तो उनके ऊपर टैक्स लगेगा या नहीं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

खिलाड़ियों को कितने रुपये मिलेंगे?


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेरिस में मेडल खिलाड़ियों को 80,000 रुपये, सिल्वर के लिए 40,000 रुपये और ब्रॉन्ज के लिए 20,000 रुपये मिलेंगे. भारतीय खिलाड़ियों के लिए बेहतर यह है कि सरकार से मिले नकद या उपहारों पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने 2014 की एक अधिसूचना में स्पष्ट किया था कि केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा ओलंपिक, कॉमनवेल्थ या एशियन गेम्स के मेडल विनर को दिए गए पुरस्कार आयकर अधिनियम की धारा 10 (17A) के तहत छूट के दायरे में आते हैं.


ये भी पढ़ें: Vinesh Phogat vs CAS: विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला तीसरी बार क्यों टला? 10 पॉइंट्स में समझें अब तक क्या हुआ


मनु को खेल मंत्रालय से मिले दो कैश प्राइज


पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली मनु भाकर और सरबजीत सिंह को युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की पुरस्कार योजना के तहत क्रमशः 30 लाख रुपये और 22.5 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया, जो कि टैक्स मुक्त होने की संभावना है. पंजाब और ओडिशा राज्य सरकारों से भारतीय हॉकी टीम को मिले पुरस्कार भी टैक्स मुक्त होंगे.


इन राज्यों में हो गई है टैक्स फ्री


2018 में आयकर अपीलीय अधिकरण ने फैसला सुनाया था कि भारत के पहले इंडिविजुअल ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता शूटर अभिनव बिंद्रा को दिए गए कुल 96 करोड़ रुपये टैक्स मुक्त हैं. यह अवॉर्ड सरकार की ओर से था.


ये भी पढ़ें: अजब-गजब पाकिस्तान! अरशद नदीम को कोई दे रहा भैंस तो कोई ALTO कार, लोगों ने उड़ाया मजाक


क्या मेडल का मूल्य टैक्य योग्य है?


कुछ समय पहले तक अमेरिका अपने सभी मेडल विजेताओं पर पुरस्कारों के अलावा उनके मेडल के मूल्य पर भी टैक्स लगाता था. हालांकि, 2016 से ओलंपियन और पैरालिंपियन की सराहना अधिनियम के कारण एथलीटों पर इन पर केवल तभी टैक्स लगाया जाता है जब उनकी सालाना आय 1 मिलियन डॉलर से अधिक हो. भारत के टैक्स कानून स्पष्ट रूप से खेल मेडलों टैक्स को साफ-साफ नहीं बताते और न ही न्यायपालिका ने इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई की है. आयकर अधिनियम के तहत, 50,000 रुपये (कुल मिलाकर) से अधिक प्राप्त होने वाले उपहार 'अन्य स्रोतों से आय' के तहत टैक्स के योग्य होते हैं. एक उपहार (कार, घर इत्यादि) का मूल्य घोषित किया जाना चाहिए.