Wrestlers Protest: जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने जांच कमेटी पर सवाल उठाए हैं. इस बीच, दिल्ली पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने खेल मंत्रालय से रिपोर्ट भी मांगी है. इस बीच एक पूर्व एथलीट ने इस पर अपनी टिपण्णी की है और इनके प्रदर्शन को निराशाजनक बताया है.  


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इस एथलीट ने दिया बयान


प्रदर्शनकारी पहलवानों पर बरसते हुए भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सड़कों पर प्रदर्शन अनुशासनहीनता है और इससे देश की छवि खराब हो रही है. उषा ने IOA की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों को लेकर हम उनकी भावनाएं समझते हैं. IOA की एक समिति और खिलाड़ी आयोग है. सड़कों पर उतरने की बजाय उन्हें हमारे पास आना चाहिए था, लेकिन उनमें से कोई भी आईओए के पास नहीं आया. उन्होंने कहा आगे कहा कि थोड़ा तो अनुशासन होना चाहिए. हमारे पास आने के बजाय वे सीधे सड़कों पर उतर गए यह खेल के लिए अच्छा नहीं है. 


सचिव ने दिया ये बयान


IOA के संयुक्त सचिव कल्याण चौबे ने कहा कि आईओए अध्यक्ष पीटी उषा यह कहना चाहती हैं कि इस तरह का आंदोलन देश की छवि के लिए अच्छा नहीं है. विश्व स्तर पर भारत की अच्छी साख है. यह नकारात्मक प्रचार देश के लिए अच्छा नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि हम केवल पहलवानों ही नहीं बल्कि उन सभी खिलाड़ियों के साथ रहना चाहते हैं जो भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन हम देश के नियम और कानून के तहत ऐसा करना चाहते हैं. आरोपों पर उन्होंने कहा कि आरोप गंभीर हैं और हम जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं ले सकते. यदि हम थोड़ा संयम बरत सकते हैं और समिति की जांच का इंतजार कर सकते हैं तब हम प्रतिक्रिया कर पाएंगे. अभी हमने केवल कुश्ती महासंघ के दैनिक कामकाज को लेकर ही चर्चा की.


धरने पर बैठे हैं पहलवान


स्टार पहलवान विनेश फोगाट , बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक सहित कई पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और पहलवानों को धमकाने के आरोपों के साथ जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं. आईओए को आरोपों पर अपनी जांच अभी पूरी करनी है जबकि सरकार द्वारा गठित निगरानी पैनल की जांच को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.