Book Market: गलियों-सड़कों और मोहल्लों में बिछी किताबें! ये है दुनिया की सबसे पुरानी बुक मार्केट
Street: इसे दुनिया की पुरानी किताब बाजारों में से एक माना जाता है. यहां की सड़कों पर कला प्रदर्शनियों, गैलरी के उद्घाटन, पुस्तक मेलों और त्योहारों का आयोजन भी होता रहता है. सैकड़ों बुकस्टोर्स और आउटडोर बुक स्टॉल, कैफे, स्टेशनरी की दुकानें समेत चाय की दुकानें भी मौजूद हैं.
Old Book Market: इराक की राजधानी बगदाद में एक ऐसी मार्केट हैं जहां किताबों की भरमार है. हालत यह रहती है कि रात में भी यहां सड़कों पर किताबों को बिछा दिया जाता है और लोग इसे पढ़ने के लिए पहुंचते हैं. इसे दुनिया की सबसे पुरानी किताब की बाजार कहा जाता है. असल में कुछ दिन पहले बगदाद के कुछ युवाओं ने सोशल मीडिया पर इस बाजार की गलियों और मोहल्लों की तस्वीरें शेयर करते हुए इसके बारे में बताया था. बायत अल फन नामक ट्विटर हैंडल ने ईराक स्थित बगदाद के अल-मुतनबी स्ट्रीट का नजारा तस्वीरों और वीडियोज के माध्यम से बताया, तो वे तस्वीरें वायरल हो गई थीं.
बगदाद के अल-मुतनबी स्ट्रीट
जानकारी के मुताबिक यह किताब की बाजार बगदाद के अल-मुतनबी स्ट्रीट में स्थित है. यह बाजार वैसे तो रोज लगती है लेकिन शुक्रवार को यहां चहल पहल अधिक होती है और बड़ी संख्या में छात्र यहां पहुंचते हैं. इस अल-मुतनबी स्ट्रीट का उद्घाटन 1932 में राजा फैसल प्रथम द्वारा किया गया था और इसका नाम 10 वीं शताब्दी के प्रसिद्ध कवि अबुल तैयब अल-मुतनब्बी के नाम पर रखा गया था. यह बाजार पुराने बगदाद के बीचोबीच मौजूद अल-मुतनबी में है. यहां शुक्रवार को छात्रों और युवाओं का आना-जाना यहां लगा रहता है.
रात में सड़कों के बाहर किताबें
अल-मुतनबी की सड़कों पर कला प्रदर्शनियों, गैलरी के उद्घाटन, पुस्तक मेलों और त्योहारों का आयोजन भी होता रहता है. यह एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण को दर्शाता है. एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक काफी साल पहले यहां हुई बमबारी के बावजूद अल मुतनबी की आत्मा पहले से कहीं अधिक मजबूत बनी हुई है. इस बाजार की खास बात यह है कि यहां रात में सड़कों के बाहर किताबें बिछाई जाती यहीं ताकि लोग यहां आकर पढ़ सकें.
कोई किताब चोरी नहीं होती
बताया जाता है कि अल-मुतनब्बी स्ट्रीट की किताबों की बाजार के चलते कम से कम 8वीं शताब्दी से सभी धर्मों के लेखकों की शरणस्थली रही है. फिलहाल यह दुनिया की सबसे पुरानी किताब की बाजार मानी जाती है. यहां किताबों को रात में सड़कों पर बिछा दिया जाता है. हैरानी की बात यह है कि यहां कभी कोई किताब चोरी नहीं होती है. लोग यहां आते हैं और पढ़कर उसे वैसे ही रख जाते हैं.