Andaman and Nicobar Island: अंडमान और निकोबार आइलैंड (एएनआई) पुलिस साइबर अपराध से लड़ने के लिए एक नया हथियार लेकर आई है. पुलिस ने साइबर क्राइम से लड़ने के लिए एक नया चैटबॉट लॉन्च किया है, जिसका नाम "आइलैंड्स साइबर साथी" चैटबॉट है. इस चैटबॉट को बनाने का मकसद पुलिस और लोगों के बीच की दूरी कम करना और साइबर अपराध के बारे में लोगों को जागरूक करना है. आइए आपको इस चैटबॉट के बारे में विस्तार से बताते हैं. 


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कैसे मदद करेगा ये चैटबॉट 


इस चैटबॉट को डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस देवेश चंद्र श्रीवास्तव की लीडरशिप में बनाया गया है. ये चैटबॉट इस्तेमाल करने में बहुत आसान है. इससे कोई भी व्यक्ति इंटरनेट पर साइबर क्राइम का शिकार होने से बचने के बारे में जानकारी ले सकता है, साइबर अपराध की शिकायत कर सकता है और वॉयस और टेक्स्ट मैसेज के जरिए कंप्लेंट भी रजिस्टर कर सकता है. 


इस चैटबॉट को बनाने की जरूरत क्यों पड़ी 


अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है. साल 2023 से मार्च 2024 के बीच ही 60 मामले सामने आए हैं. ऐसे साइबर क्राइम को रोकने के लिए ही इस चैटबॉट को बनाने की जरूरत पड़ी. 'आइलैंड्स साइबर साथी' सिर्फ साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज कराने का ही जरिया नहीं है, बल्कि ये फेक न्यूज की भी जांच करता है. ये चैटबॉट लोगों को सही जानकारी देता है. लोगों के ये चैटबॉट काफी काम का साबित हो सकता है. 


आइलैंड्स साइबर साथी चैटबॉट का फायदा 


आइलैंड्स साइबर साथी चैटबॉट की मदद से आप स्पैम कॉल्स, खोए हुए या चोरी हो चुके स्मार्टफोन की रिपोर्ट भी दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा इस चैटबॉट की मदद से आप ऑनलाइन सेफ रहने के तरीकों के बारे में भी जान सकते हैं. अंडमान और निकोबार पुलिस का ये कदम साइबर अपराध से लड़ने की तकनीक में एक बड़ा बदलाव है. पुलिस के मुखिया श्रीवास्तव का कहना है कि, "ये नई तकनीक हमें साइबर अपराध से लड़ने में सबसे आगे रखेगी."