रिजर्व बैंक (RBI) ने नियमों का पालन न करने और उनकी चिंताओं को न मानने के कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर सख्त पाबंदियां लगा दीं. इसके बाद, फिनटेक कंपनी भारतपे के पूर्व फाउंडर अशनीर ग्रोवर ने कहा कि केंद्रीय बैंक का यह कदम फिनटेक कंपनियों के हितों के खिलाफ है. उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पीएमओ (PMO) से इस मामले को देखने का आग्रह किया. एक्सपर लिखे एक पोस्ट में अशनीर ग्रोवर ने कहा कि आरबीआई नहीं चाहता कि फिनटेक कंपनियां आगे बढ़ें.


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अशनीर ग्रोवर ने दिया ऐसा रिएक्शन


अशनीर ग्रोवरर ने X पोस्ट में लिखा, 'मुझे RBI समझ नहीं आता. वो साफ-साफ फिनटेक कंपनियों को खत्म करना चाहता है. हर नया नियम और कदम उनके खिलाफ लगता है. ऐसे कदम पूरे फिनटेक क्षेत्र को तबाह कर देंगे. पिछले दशक में स्टार्टअप्स ने सबसे ज्यादा नौकरियां दी हैं और कंपनियों का मूल्य बढ़ाया है. आज IIM और IIT को भी नौकरियां दिलाने में मुश्किल हो रही है - हम एक देश के रूप में ऐसे हस्तक्षेप का जोखिम नहीं उठा सकते. एक तरफ दुनिया को UPI दिखाना और दूसरी तरफ इस क्षेत्र के पायनियर्स को सजा देना प्योर 'दोगलापन' है.'


आरबीआई ने बुधवार को पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी के बाद नए जमा स्वीकार करने और क्रेडिट लेनदेन करने से रोक दिया है. आरबीआई ने बताया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पूरे सिस्टम की जांच और बाहरी ऑडिटरों की रिपोर्ट में कई नियमों का उल्लंघन होने का पता चला है। इन उल्लंघनों को गंभीर माना गया है, इसलिए RBI उन्हें सख्ती से लागू कर रहा है.


आरबीआई ने बताया कि 29 फरवरी के बाद से पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहक किसी भी खाते, मोबाइल वॉलेट, फास्टैग, NCMC कार्ड आदि में नए पैसे जमा नहीं कर पाएंगे, लोन ट्रांसैक्शन नहीं कर पाएंगे या बैलेंस बढ़ा नहीं पाएंगे. हालांकि, ब्याज, कैशबैक या रिफंड किसी भी समय जमा किए जा सकते हैं. हालांकि, RBI ने साफ किया है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों को अपने खातों में जमा पैसा निकालने या इस्तेमाल करने की पूरी छूट है. इसमें बचत खाते, चालू खाते, मोबाइल वॉलेट, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि सभी शामिल हैं.